पीड़ित मानवता की सेवा ही वास्तविक परमार्थ:सुवि स्वामी
मुम्बई। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर जिले के बीजापुर में जहां एक ओर भय और आतंक का माहौल है वहीं दूसरी ओर पीड़ित मानवता की सेवा के लिए अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कैंसर रोगियों की माता , पंच कोशा थेरेपी की जनक डॉक्टर सुवि स्वामी ने बीजापुर के नन्हे मुन्ने बच्चों के लिए एक आशा की किरण का काम किया।
ज्ञात हो कि नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में रहने वाले बच्चे शिक्षा सहित मूलभूत सुविधाओं से वर्षो से वंचित जीवन गुजार रहे थे,सरकार तथा प्रशासन के खोखले दावो की पोल खोल करती एक खबर ने मासूम बच्चों के बीच खुशी की लहर दौड़ा दी।
गौर तलब हो कि गत दिनों छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के नक्सल प्रभावित बीजापुर में मुंबई निवासी समाजसेवी ईश्वरा लाइफ साइंसेज की जनक डॉ. सुवि मनीष स्वामी ने मानवता को जीवंत बनाए रखने का एक अत्यंत अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया । डॉ. सुवि स्वामी ने अपने नेटवर्किंग के जरिए इस नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शासन के बनाए नियमों का पालन करते हुए बड़ी सावधानी पूर्वक सर्वप्रथम उन मासूम बच्चों को ,जो इस देश के भविष्य हैं ,उनके लिए शिक्षा का अवसर मुहैया कराया। वहां ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों व स्थानीय शिक्षित जनों के सराहनीय योगदान के साथ यहां नए वर्ष के आगमन से पूर्व एक नवीन आयाम का उदय हुआ।
श्रीमती सुवि स्वामी के आव्हान पर इस इलाके में ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों व स्थानीय शिक्षित जनों ने स्वेच्छा से निस्वार्थ भाव से इन मासूम बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी उठाई।और उनके जीने के लिए मूलभूत आवश्यकताओं की व्यवस्था की।
पीड़ित मानवता की सेवा के लिए डॉक्टर सुवि स्वामी के अथक प्रयास से यहां शिक्षा की अलख एक प्रभावशाली स्लोगन “हैप्पी स्टेप्स हैप्पी स्टडीस, ईट
ऑल स्टार्ट वीथ राइट शूज” के साथ पूरे उत्साह के साथ जगाया गया और बच्चों के लिए फुटवेयर भेंट किए गए। क्योंकि इस क्षेत्र के गरीब बच्चे नंगे पांव स्कूल आते जाते पाए गए। उनकी इस पीड़ा को देखते हुए डॉ सुवि स्वामी ने बच्चों को फुटवेयर उपलब्ध कराए । उनकी इस असाधारण सामाजिक योगदान की जानकारी मिलने पर ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स एंड सोशल जस्टिस कौन्सिल ने उनकी पीड़ित मानवता की सेवा की प्रशंसा करते हुए इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर भारत भूषण अवार्ड से सम्मानित किए जाने की घोषणा की।