एक और स्टेट लाइट खरीद कर, नगर पालिका महाराजपुर को लगभग 65 लाख की आर्थिक क्षति।
मध्य प्रदेश// छतरपुर//महाराजपुर नगर पालिका को भ्रष्टाचार की नगर पालिका कहा जाए तो अचरज नहीं होना चाहिए,वैसे तो सन1939 की नगर सभा (म्युनिस्पलटी) ने आजादी के उपरांत जब विद्युत आई तो 1959 में स्टेट लाइट से शोभित होगई, समय-समय पर राजनेताओं ने गुपचुप तरीके से लाइट की बड़ी खरीदी भी की सूत्र बताते हैं कि वर्तमान समय में लगभग ₹दो लख रुपए माह का बिजली बिल भुगतान करने वाली नगर पालिका महाराजपुर ने एक और स्टेट लाइट लगभग 65 लाख की खरीद ली।
वैसे तो महाराजपुर नगर पालिका मध्य प्रदेश की पहली ऐसी नगर पालिका होगी जहां मध्य प्रदेश के कानून लागू नहीं होते नगर परिषद और पी आई सी ही सर्वश्रेष्ठ होने का दावा कर अधिकारियों से मिलकर लाभ कमा रहे है।
तो बही कानून के जानकार बताते हैं स्ट्रीट लाइट होने एवं अच्छी कंडीशन में होने के उपरांत भी लाइट खरीदना आर्थिक अपराध का मामला है।
संभवत इसमें आर्थिक अपराध ब्यूरो नगरी निकाय को लगभग 65 लाख की छती पहुंचाने पर रिटायरमेंट की दहलीज पर खड़े मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं इंजीनियर के अलावा जनप्रतिनिधियों की जांच कर ईओडब्ल्यू मामला दर्ज कर सकती है।
नगर पालिका महाराजपुर के विरुद्ध नजदीकी थाने में मामला दर्ज नहीं होता भले ही नगर पालिका पुलिस विभाग की जमीन पर ही अतिक्रमण क्यों न कर ले, सूत्र बताते हैं कि शिकायत(EOW) कार्यालय से की गई है।..✍️@:- खेमराज चौरसिया (आर टी आई कार्यकर्ता)@9893998100