पत्रकारिता के गिरते स्तर के लिए पत्रकारिता का व्यवसायीकरण जिम्मेदार
भोपाल से अमर बंग माहेश्वरी की रिपोर्ट
भोपाल। वर्तमान संदर्भ में पत्रकारिता के गिरते स्तर के लिए पत्रकारिता का व्यवसायीकरण जिम्मेदार है। पहले पत्रकारिता सेवा भाव, जनकल्याण का विषय होकर एक मिशन हुआ करता था लेकिन अब आधुनिक काल में पत्रकारिता ने व्यवसाय का रूप धारण कर लिया है। अब सेवा भाव जनकल्याण का अस्तित्व समाप्त हो गया है। पत्रकारिता में जवाबदाही के अभाव के साथ-साथ उस पर हो रहे हमलों के फलस्वरूप स्वतंत्र पत्रकारिता का विनाश हो चुका है। निष्पक्ष पत्रकारिता के अभाव में आज के समय मे पत्रकारिता को स्वतंत्र कहना अतिश्योक्ति होगा, उक्त उदगार प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के
संस्थापक अध्यक्ष श्री सैयद खालिद कैस ने व्यक्त किए।
पत्रकार सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध अखिल भारतीय पत्रकार संगठन प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के तत्वाधान में क्रांतिकारी पत्रकारों की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन गत दिनों स्थानीय इंडियन कॉफी हाउस न्यू मार्केट भोपाल में हुआ।
बैठक के आयोजक तथा राष्ट्रीय सचिव महफूज खान के अनुसार इस अवसर पर उपस्थित पत्रकारों को संबोधित करते हुए संगठन के संस्थापक अध्यक्ष श्री सैयद खालिद कैस ने प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने कर बल दिया। मध्य प्रदेश सरकार की पत्रकार विरोधी नीति प्रदेश के पत्रकारों के हितों के लिए हानिकारक है। देश में पशु पक्षियों की सुरक्षा के लिए कानून का होते हुए पत्रकारों की सुरक्षा के लिए आजादी के 75 साल बाद तक कानून का न होना चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा आज तक पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। प्रदेश में लगभग 20वर्ष से भाजपा काबिज है, लेकिन सरकार द्वारा पत्रकारों के हितों की कोई चिंता नहीं की है। श्री कैस ने इस अवसर पर प्रदेश सरकार के मुखिया से मांग की है कि आगामी विधान सभा चुनावों से पूर्व प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करे।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पत्रकारों को अक्सर एफआईआर, मानहानि के मुकदमों और अन्य कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ता है। कई पत्रकार आज भी जेल की चार दिवारी में वर्षो से सड़ रहे हैं । ऐसे हालात में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार अर्थात मौलिक अधिकार होना महज छलावा है। यदि इसी प्रकार पत्रकारिता का दोहन होता रहा तो आज जो विदेश मीडिया हमारी स्वतंत्रता पर टिप्पणी कर रही उससे पूरा विश्व परिचित हो जाएगा। ऐसे हालात में भारतीय मीडिया को स्वतंत्र कहना न्यायसंगत नहीं होगा।
श्री कैस ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में मीडिया पर लगातार हमले बढ़े हैं।पत्रकारों की देश भर में हो रही लगातार हत्याओं, अत्याचारों, प्रताडनाओ के खिलाफ अभियान चलाने वाले अखिल भारतीय संगठन प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट लगातार पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए देश भर में मज़बूती से आवाज़ उठा रहा है।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार तथा दैनिक समाचार सेकेट्री के संस्थापक संपादक श्री कृष्णानंद शास्त्री ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान संदर्भ में पत्रकारों के हितों के लिए सरकार की उदासीनता घातक है।बैठक को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार तथा दैनिक भारत मत के संपर्क श्री शुभ करण पांडे ने कहा कि पत्रकारिता का व्यवसायीकरण होने से इसके स्तर में गिरावट आई है। पत्रकारों को अपनी शक्ति को समझना होगा था एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करना होगा।
संगठन की राष्ट्रीय सचिव पुष्पा चंदेरिया ने युवा पत्रकारों को पत्रकारिता के स्तर को सुधारना होगा। तथा पत्रकारिता के स्तर की गिरावट को रोकने के लिए पत्रकारों को शिक्षित होना आवश्यक होना चाहिए। बैठक में क्रांतिकारी पत्रकार शाहाब मलिक,आसिफ खान, मीरा तिवारी, साजिद खान, एम जी सरवर सहित अन्य पत्रकारों ने अपने विचार रखे।
बैठक के आयोजक तथा राष्ट्रीय सचिव महफूज खान ने प्रदेश में पत्रकारों पर हो रहे हमलों, झूठी रिपोर्ट के कारण भय का वातावरण है। पुलिस प्रशासन द्वारा पत्रकारों की आवाज दबाने की कोशिश चिंता का विषय है।
इस अवसर पर उपस्थित जन ने बैठक के प्रारंभ में संगठन अध्यक्ष सैयद खालिद कैस का गुलदस्ता, पुष्प मालाओं से स्वागत किया।
बैठक का संचालन आसिफ खान ने तो अंत में आभार महफूज खान ने प्रकट किया।