वर्तमान परिदृश्य में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और पत्रकारिता” विषय पर आयोजित हुई ऑनलाइन राष्ट्रीय परिचर्चा”

मुंबई। अन्तर्राष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस के गरिमामय अवसर पर पत्रकारों की सुरक्षा एवं कल्याण के लिए प्रतिबद्ध अखिल भारतीय पंजीकृत संगठन
प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स, के तत्वावधान में ऑनलाइन राष्ट्रीय परिचर्चा का आयोजन श्रीकांत सक्सेना, डायरेक्टर, पूर्व प्रोग्राम एक्सेक्टीव दूरदर्शन नेशनल, दिल्ली के मुख्य आतिथ्य में किया गया।

ऑनलाइन राष्ट्रीय परिचर्चा का संयोजन संचालन (गूगल मीट पटल के माध्यम से) संगठन की राष्ट्रीय संगठन महासचिव (मुंबई )श्रीमति शशि दीप द्वारा किया गया व अध्यक्षता संगठन के संस्थापक अध्यक्ष, देश के जाने-माने अधिवक्ता श्री सैयद ख़ालिद कैस, भोपाल ने किया।

इस विशेष परिचर्चा में देश भर के जाने माने पत्रकार, साहित्यकार व मीडिया कर्मियों ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री गिरीश पंकज वरिष्ठ पत्रकार, समीक्षक एवं साहित्यकार रायपुर (छग) उपस्थित रहे।
इस अवसर पर प्रेस क्लब ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स की ओर से हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अन्तराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश भर के 14 प्रतिभावान (पत्रकारों, साहित्यकारों, समाजसेवियों)हस्तियों को सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत संयोजिका श्रीमति शशि दीप द्वारा माँ सरस्वती मंत्रोपचारण से हुआ। तत्पश्चात सभी मुख्य अभ्यागतों एवं सम्मानीय प्रतिभागियों ने अपनी गरिमामय उपस्थिति से इस कार्यक्रम को शानदार बना दिया। समस्त उपस्थित वक्ताओं द्वारा निर्धारित विषय पर अपने प्रभावशाली विचार व्यक्त किये।
इस राष्ट्रीय परिचर्चा में मुख्य अतिथि श्री श्रीकांत सक्सेना जी ने अपने उद्बोधन में कहा “हमारा भारत दुनिया में सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है इसके बाबजूद लोकतंत्र का चौथा पाया पत्रकारिता का स्तर गिरते-गिरते आज पूरे विश्व में 161वें नंबर पर खिसक गया है, क्योंकि यहाँ प्रेस की आजादी बहुत कम है, जो कि चिंता का विषय है।”
परिचर्चा के विशिष्ट अतिथि श्री गिरीश पंकज जी ने कहा “अभिव्यक्ति है तो उसके साथ खतरे भी हैं, अगर आप किसी को आईना दिखाने की कोशिश करते हैं तो वो आईना तोड़ने की कोशिश करते हैं।”
इस अवसर पर देश भर से पधारे प्रतिभागियों सहित छत्तीसगढ़ बिलासपुर से पधारे वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार श्री राघवेन्द्र दुबे, श्री सत्येन्द्र तिवारी, संगीता बनाफर, रायगढ़ से पधारीं मनीषा अवस्थी, दिल्ली से केशी गुप्ता, नागपुर से वीणा अडवानी, लेखिका नूरी खान राजपुर बड़वानी मध्य प्रदेश, श्री सुनील योगी बागली (म. प्र.), चैतन्य कुमार मीणा अजीतगढ़ सीकर राजस्थान, कैलाश चंद्र कौशिक जयपुर राजस्थान, श्री बिल्लू यादव सिरसा हरियाणा, आदि ने भी अपने बहूमूल्य विचार व्यक्त किये।

अंत में अध्यक्षीय उद्बोधन में परिचर्चा की आत्मा श्री सैयद खालिद कैस जी ने हमेशा की तरह अपनी चिंता जताते हुए भारत सरकार से अपील की है कि “सरकार जल्द से जल्द योजना बनाए और देश भर में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। पत्रकारों के खिलाफ झूठी मुकदमेबाज़ी बंद हो तथा निष्पक्ष पत्रकारिता पर लगाए जा रहे प्रतिबंध रोके जाए, भारत वर्ष में वर्तमान समय की पत्रकारिता आपातकाल की भांति महसूस हो रही है।”
परिचर्चा के अंत में श्रीमति शशि दीप ने कार्यक्रम में पधारे सभी विभूतियों, अतिथियों, प्रतिभागियों को इस विशेष परिचर्चा को सफल बनाने के लिए हृदयतल से आभार व्यक्त किया। सभी मुख्य अभ्यागतों व प्रतिभागियों ने इस गरिमामय आयोजन के लिए प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स व शशि दीप की भूरि-भूरि प्रशंसा की।