नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को 10 रुपए के प्लास्टिक नोट प्रिंट करने की मंजूरी दे दी है। शुरुआत में ये नोट ट्रायल के तौर पर पांच लोकेशंस में इस्तेमाल किए जाएंगे। शुक्रवार को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह जानकारी दी।और क्या कहा मेघवाल ने…
– मेघवाल ने एक सवाल के लिखित जवाब में बताया- 10 रुपए के प्लास्टिक नोट की प्रिंटिंग और ट्रायल के लिए आरबीआई को मंजूरी दी गई है।
– उन्होंने कहा कि प्लास्टिक नोट्स की उम्र लंबी होती है यानी ये ज्यादा वक्त तक खराब नहीं होते। दुनिया के कई देशों ने जनरल करंसी नोटों के जल्द खराब होने की वजह से विकल्प के तौर पर इन्हें आजमाना शुरू किया है।
– मंत्री ने कहा कि सायबर सिक्युरिटी के लिए भी एक कमेटी बनाई गई है।
30 देशों में चलते हैं प्लास्टिक के नोट
– दुनियाभर के 30 देशों में प्लास्टिक करंसी सर्कुलेशन है। इन देशों में ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया और कनाडा भी शामिल हैं।
– ऑस्ट्रेलिया में जाली नोटों की मुश्किल से निपटने के लिए प्लास्टिक करंसी सर्कुलेशन में लाई गई थी।
प्लास्टिक के नोटों पर कम चिपकता है बैक्टीरिया
– हार्पर एडम्स युनिवर्सिटी के प्रोफेसर फ्रैंक व्रिस्कूप नोटों और इंसानों के हाथों के बैक्टीरिया पर रिसर्च कर रहे हैं।
– प्रो. व्रिस्कूप ने मीडिया को अपनी रिसर्च के बारे में बताया, “इंसानों के हाथों में पाया जाने वाला बैक्टीरिया प्लास्टिक के नोटों पर उतना नहीं चिपक पाता है, जितना वो अमेरिकन डॉलर, ब्रिटिश पॉन्ड और जापान के येन नोटों पर चिपकता है।”
– लिलेन-कॉटन बेस्ड डॉलर नोटों का इस्तेमाल अमेरिका में होता है और वाशी बेस्ड नोट येन केवल जापान में छापे जाते हैं।
प्लास्टिक के नोटों में क्या है खास
– पॉलिमर नोट और कागज के नोटों की एक तुलात्मक रिसर्च बैंक ऑफ इंग्लैंड ने कराई।
– इस रिसर्च का मकसद लोगों और पर्यावरण के लिहाज से बेहतर करंसी उपलब्ध कराना था।
– रिसर्च में सामने आया कि प्लास्टिक करंसी के इस्तेमाल से कागज के नोटों को छापने में लगने वाला रॉ मैटेरियल बचता है। इनमें पेड़, पानी और ऊर्जा प्रमुख हैं।
– इस रॉ मैटेरियल के बचने का सीधा असर पर्यावरण पर पड़ता है। ग्लोबल वार्मिंग में कमी आती है। ऊर्जा की खपत भी कम होती है।
– 2011 में पॉलीमर नोट सर्कुलेशन में लाने वाले बैंक ऑफ कनाडा ने भी रिसर्च कंडक्ट की।
– रिसर्च के मुताबिक पॉलिमर नोट पर्यावरण के लिहाज से कागज के नोटों से ज्यादा फायदेमंद होते हैं।
– प्लास्टिक के नोटों को री-साइकिल करके उनसे दूसरे प्रोडक्ट बनाए जा सकते हैं।