साहित्यम् की पेशकश “मन का कोना” काव्य गोष्ठी का सफल आयोजन

प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स की राष्ट्रीय सचिव व सोच सयानी की स्थाई सदस्य श्रीमती शशि दीप की रही विशेष उपस्थिति

मुंबई I मुंबई की एक साहित्यिक संस्था साहित्यम् के तत्वावधान से एक काव्य-गोष्ठी का आयोजन विगत 7 नवम्बर 2022, सोमवार को ज्येष्ठालय, सिद्धार्थ नगर, ठाकुर विलेज, कांदिवली – पूर्व, मुम्बई में किया गयाI कार्यक्रम का शुभारम्भ सभी उपस्थित कवियों/ साहित्य प्रेमियों के परिचय से हुआ। इस गोष्ठी की पहल साहित्यम के संस्थापक अध्यक्ष बहुभाषी कवि, लेखक व डायलेक्ट कोच श्री नवीन चतुर्वेदी जी ने की तथा संयोजन वरिष्ठ कवयित्री श्रीमति कामिनी अग्रवाल जी ने व संचालन कवयित्री सत्यवती मौर्या जी ने किया। 

इस कार्यक्रम में मुंबई की एक प्रतिष्ठित गैर सरकारी संगठन “सोच सयानी” जो की सामाजिक, नागरिक और पर्यावरणीय क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तनों के प्रति सजग है की स्थायी सदस्य व *प्रेस क्लब ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स की राष्ट्रीय सचिव विचारक समाजसेवी शशि दीप जी की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। वे यहाँ सोच सयानी की पहल “आओ कविता लिखें” पहल का प्रतिनिधित्व कर रहीं थीं। शशि दीप ने कार्यक्रम की भावना को ध्यान में रखते हुए अपनी प्रस्तुति पेश की। नेक पहल को समर्पित कविता “तभी संभव है” मन का कोना नाम से इस गोष्ठी को समर्पित “विचारों की अवस्थाएं” तथा अंत में मानव चेतना पर आधारित कविता उपलब्धि व अहंकार प्रस्तुत किया जिसका उपस्थित बुद्धिजीवियों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ आनंद लिया। प्राकृतिक सौंदर्य के मध्य सजी इस काव्य संध्या में कुछ नवीन चतुर्वेदी जी ने बेटी के ऊपर कविता पांच भाषाओँ में प्रस्तुत किया, 

कामिनी संयोजिका कामिनी जी ने मेरा दिल एक मसाला दानी सुनाया, वरिष्ठ साहित्यकार नवलकिशोर शर्मा जी ने माँ को समर्पित कविता सुनाकर उपस्थित आवाम को भावुक कर दिया। इस अवसर पर कुशाला सेटटी, मधु जी, मृदुला मिश्रा , मधु मलहोत्रा, नवल किशोर शर्मा, सुषमा मेहता, श्री सुरेन्द्र मेहता, यशोगीता प्रधान, हरिओम अग्रवाल, कृष्ण गौतम, पार्वती माहेश्वरी, व संतोषी मलहोत्रा व कुछ अन्य श्रोता गण उपस्थित रहे। सभी के चेहरे पर मुस्कान देखते ही बन रहा था. काव्य प्रेमियों ने चाय की चुस्कियों के साथ सभी की कविताओं का भरपूर आनंद उठाया व आयोजकों की भूरि भूरि प्रशंसा की। शशि दीप ने अंत में पुनः इस विशेष पहल के लिए प्रफ्फुलित ह्रदय आयोजकों को धन्यवाद दिया। अब “मन का कोना” अजली काव्य गोष्ठी आगामी 3 दिसंबर को होना तय हुआ है।