भारत गौरव सम्मान से अभिनंदित विचारक के वक्तव्य…
नि:स्वार्थ सेवा का पर्याय है प्रेस क्लब ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स
मुंबई। प्रेस क्लब ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स द्वारा भारत गौरव सम्मान 2022 से नवाज़े जाने पर विचारक समाजसेवी शशि दीप ने मुंबई से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भगवत गीता के अध्याय 18| श्लोक 45 का सार ह्रदय से अनुभूत हुआ लगता है, क्योंकि इसी के परिणामस्वरूप ही ऐसी उपलब्धियाँ संभव हो पा रही है। गीता में कहा गया है “जब हमारा ध्येय, हमारा दृष्टिकोण प्रतिस्पर्धा न होकर सिर्फ निष्काम कर्म, निःस्वार्थ योगदान मात्र हो जाता है तो जीवन एक उत्सव बन जाता है!” क्योंकि इस दिव्य उपदेश को आत्मसात करने से हम ख़ुद को कर्ता नहीं समझते बल्कि ये मानते हैं कि ये सब दिव्य योजनाएँ हैं, जो हमारी समझ से परे है पर हमारे द्वारा निष्पादित करवाये जा रहे हैं। यह सब अदृश्य उच्च बुद्धि संचालित कर रही है और हम केवल निमित्त मात्र हैं। हमें बस अपनी भूमिका सच्ची निष्ठा से निभानी है, और बाकी उन पर छोड़ देना है। यह मनोवृत्ति हमें अपनी नई भूमिकाओं को अनुग्रह व आत्मविश्वास के साथ ग्रहण करते हुए आगे बढ़ने में उत्प्रेरक का काम करती है। अपने पूज्य पिता व अपने से वरिष्ठ कुछ अध्यात्मिक विचारकों से मिले गूढ़ सच्चाई को स्मृति में रखते हुए वास्तव में मुझे, बड़े-बड़े प्रलोभन देकर आकर्षित करने वाले पुरस्कारों से सख्त परहेज़ है। मुझे मानवता की सच्ची सेवा, नेक कार्यों में लगे निःस्वार्थ लोगों के सरल, सीधे भाव आकर्षित करते हैं क्योंकि ये आज के ज़माने में दुर्लभ है।
मैं आदरणीय सैयद खालीद कैस सर जो प्रेस क्लब ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स PCWJ, के संस्थापक/राष्ट्रीय अध्यक्ष व इस विशाल राष्ट्रीय पंजीकृत संस्था की आत्मा व पूरी टीम को इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूँ जो देश भर में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है तथा देश के चौथे स्तम्भ की रक्षा व राष्ट्रीय एकता, अखंडता व संप्रभुता कायम करने के लिए सतत प्रयास में लगे हैं। वे देश में एक क्रांतिकारी की तरह इस अनुकरणीय पहल को अंजाम दे रहे हैं और साथ ही साथ विभिन्न क्षेत्रों में समर्पित विभूतियों को सम्मानित भी करते रहे हैं। इसमें उनका कोई स्वार्थ नहीं छुपा है, न ही कोई मौद्रिक लाभ (Monetary gain) अर्जित हो रहा है। मिल रहा है तो एक अनमोल धन, जो है आतंरिक संतुष्टि और हज़ारों आशीर्वाद, मान-सम्मान। और ईश्वर ने मुझे इस नेक काम में योगदान का दिव्य अवसर दिया। और यही कारण है कि इस सुंदर व विनम्र भाव से सुसज्जित, स्नेहिल सम्मान को पाकर मैं अत्यंत अभिभूत हूँ, और हृदय से यही भाव उद्धृत होता है कि सचमुच नि:स्वार्थ सेवा का पर्याय है PCWJ.
मेरे विचार से, नेक कार्यों/प्रयासों को दिल से सराहना और उसका प्रचार-प्रसार करना, भी मानवता की सेवा है। परमात्मा की दिव्य शक्ति सर्वत्र व्याप्त है, उनका स्मरण करना व समर्पण भाव के साथ पूरी निष्ठा से कर्म करते रहना, जीवन को आश्चर्यजनक रूप से संतुष्टि प्रदान करते हैं।