समन्वय साहित्य परिवार  का वार्षिक अधिवेशन सम्पन्न

समाज का मार्ग दर्शक होता है- आचार्य वाजपेयी

साहित्य ईश्वर की आराधना है- डॉ. बलराम

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बिलासपुर/मुंबई। समन्वय साहित्य परिवार का सत्ताइसवां वार्षिक समारोह संस्कार भवन में सोल्लास सम्पन्न हुआ। यह आयोजन आचार्य अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी, कुलपति अटल बिहारी वाजपेयी विश्व विद्यालय के मुख्य आतिथ्य एवं डाॅ विनय कुमार पाठक पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग की अध्यक्षता एवं डाॅ रवि प्रकाश दुबे कुलपति डाॅ सीवीआरयू, डाॅ बलराम (संस्थापक अध्यक्ष), डाॅ देवधर महंत, डाॅ प्रिया मिश्रा के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर समन्वय वार्षिकांक का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। इस गरिमामय समारोह में वरिष्ठ कवि श्री मीर अली मीर, श्रीमती रश्मि गुप्ता, एवं अश्वनी साहू का समन्वय रत्न सम्मान से अभिनंदन किया गया। स्वर्गीय श्री बसंत शर्मा स्मृति समन्वय सम्मान से हरिहर आक्सी जोन समिति का सम्मान किया गया वहीं सक्रिय साहित्य सेवा हेतु श्री शील साहित्य परिषद् जांजगीर, पंडित मुकुट धर पाण्डेय साहित्य भवन समिति कोरबा, एवं निराला साहित्य मंडल चांपा के पदाधिकारियों का सम्मान किया गया।

इसके अलावा पिछ्ले वर्ष से संस्था के विस्तारीकरण के पश्चात विश्व समन्वय साहित्य परिवार के तरफ से इस वर्ष सुप्रसिद्ध समाजसेवी व मानवता के पुजारी स्वर्गीय श्री भागवत प्रसाद स्मृति समन्वय सेवा सम्मान संस्था के मुंबई केंद्र से एक प्रतिष्ठित अखिल भारतीय संगठन प्रेस कल्ब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट PCWJ https://pcwj.in/ को उनकी सुपुत्री व संस्था की महासचिव श्रीमति शशि दीप के कर कमलों से समस्त परिवार की तरफ से प्रदान किया गया, जिसमें 5000/- रू की धनराशि भी शामिल है। इस संस्था का मुख्यालय भोपाल में है और इनके संस्थापक अध्यक्ष श्री सैयद खालिद कैस जी हैं।

स्वागत भाषण में डाॅ राघवेन्द्र दुबे ने आयोजन की जानकारी दी। अतिथियों का स्वागत सनत तिवारी राजेश सोनार बजरंगबली शर्मा बालमुकुन्द श्रीवास बालगोविन्द अग्रवाल महेन्द्र दुबे हर्ष दुबे डाॅ विश्वनाथ कश्यप राघवेन्द्र दुबे राजेश वस्त्रकार डाॅ अनिता सिंह पूर्णिमा तिवारी ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि आचार्य श्री अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी कुलपति अटल बिहारी वाजपेयी विश्व विद्यालय ने समन्वय साहित्य परिवार के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज हर क्षेत्र में समन्वय की आवश्यकता है। साहित्य समाज का मार्ग दर्शक होता है।उन्होंने शोध पत्रिका के प्रकाशन की सलाह देते हुए सभी को हार्दिक बधाई दी।अध्यक्ष डाॅ विनय कुमार पाठक ने कहा कि समन्वय साहित्य परिवार द्वारा चैत्र प्रतिपदा को भारतीय नववर्ष के रूप में मनाया जाता है और यह परंपरा 27 वर्ष पूर्व डॉ. बलराम ने आरम्भ की, इसे सनातन भारतीय नववर्ष के रूप में मनाया जाना चाहिए।आजादी के अमृत महोत्सव पर केन्द्रित समन्वय वार्षिकांक की जानकारी देते हुए इसकी प्रशंसा की। डाॅ बलराम ने कहा कि समन्वय साहित्य परिवार का अब विश्व समन्वय साहित्य परिवार के रूप में वेबसाइट बन गया है और अब वैश्विक स्तर पर भी संस्था की ओर से ऑनलाइन विचार एवं काव्य गोष्ठी आयोजित किया जा रहा है। डाॅ रवि प्रकाश दुबे कुलपति डाॅ सीवीआरयू ने आयोजन की चर्चा करते हुए डा सीवीआरयू में छत्तीसगढ़ी पाठयक्रम तथा छत्तीसगढ़ी संस्कृति के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। डाॅ देवधर महंत ने समन्वय वार्षिकांक की जानकारी दी वहीं डाॅ प्रिया मिश्रा ने भी समस्त उपस्थित जनों को हार्दिक बधाई दी। इस अवसर पर डाॅ अजय पाठक की अध्यक्षता में आयोजित काव्य गोष्ठी में सनत तिवारी, बुधराम यादव अजय शर्मा बजरंग बली शर्मा डाॅ अजय पाठक राजेश सोनार पूर्णिमा तिवारी धनेश्वरी सोनी दिनेश्वर जाधव जी डी पटेल रेणु वाजपेयी रश्मि गुप्ता केवल कृष्ण पाठक सत्येन्द्र तिवारी अंजनी तिवारी विवेक तिवारी आभा गुप्ता डाॅ अनिता सिंह संगीता बनाफर डाॅ विश्वनाथ कश्यप डाॅ ओम प्रकाश भट्ट राघवेन्द्र दुबे महेश श्रीवास आशा चन्द्राकर स्वधा शर्मा एम डी मानिकपुरी ए के यदु डाॅ देवधर महंत बालमुकुन्द श्रीवास रमन किरण संतोष शर्मा एवं शहर तथा अंचल के कवियों ने काव्य पाठ किया। कवि गोष्ठी का संचालन पूर्णिमा तिवारी ने किया और आभार प्रदर्शन महेन्द्र दुबे ने किया। ।