बालकनामा के 100 अंक प्रकाशित होने पर सड़क एवं कामकाजी बच्चों के बीच खुशी की लहर !

✍️ सामाजिक संस्था चाइल्डहुड एनहान्समेन्ट थ्रू ट्रनिंग एंड एक्शन (चेतना) द्वारा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के कॉन्फ्रेंस हॉल में बालकनामा के 100 अंक प्रकाशित होने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की आयोजित की गई जिसमें 30 बच्चों ने भाग लिया जिसमें बातूनी रिपोर्टर एडिटर ने प्रेस वार्ता में अपनी बात रखी !

✍️ बालकनामा एडिटर 19 वर्षीय किशन ने अपनी बात रखते हुए कहा कि 2003 में जब बालकनाम अखबार की शुरुआत हुई तो 35 बच्चे जुड़े हुए थे और 2022 में लगभग डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप से 12000 बच्चे बालकनाम से जुड़े हुए हैं जिसमें 64 रिपोर्टर है 32 लड़कियां और 32 लड़के जो बातूनी रिपोर्टर और लिखावट रिपोर्टर और एडिटर सभी बालकनाम में अपनी भूमिका निभाते हैं!

▪ बालकनाम के एडिटर किशन ने अपनी बात रखते हुए कहा कि आज हमें बहुत खुशी हो रही है कि कामकाजी बच्चों की आवाज बुलंद करते हुए हम सभी के प्रयास से बालकमामा का 100 अंक प्रकाशित हो रहा है मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि आज मैं अपने जीवन तो बदला साथ ही दूसरे बच्चे का जीवन में बदलाव के लिए बालकनाम से जुड़े हुए हैं और बालकनामा न्यूज़ के लिए कार्यरत है!

▪ बालकनाम अखबार की पूर्व एडिटर ज्योति ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हम जब निजामुद्दीन फ्लाईओवर के नीचे जीवन यापन कर रहे थे और उस समय बालकनामा द्वार में बातूनी रिपोर्टर बनी और मैं बालकनाम अखबार की एडिटर बनी और साथी आज मैं बच्चों के लिए मैं काम करती हूं और मैं दसवीं कक्षा में पढ़ती भी हूं ज्योति ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया फ्लाईओवर के नीचे रहने के बाद भी उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी और आज वह एक सफल व्यक्ति में शामिल हुई और अपने हौसलों से तमाम बच्चों को आगे बढ़ाया!

▪ बालकनामा अखबार में खबर छपने के बाद संस्थागत और सरकार से संबंधित प्रमुख लोगों ने मिलकर बच्चों की समस्याओं का समाधान किया जैसे कि एक बच्ची ने बताया नोएडा के अलग-अलग सेक्टर में छोटे बच्चे भीख मांगते हैं खिलौना बेचते हैं और वह किसी न किसी प्रकार के काम में लिप्त है इस पर चेतना संस्था के निर्देशक एवं नोएडा अथॉरिटी मिलकर HCL फंडेशन के साथ नन्हे परिंदे परियोजना का शुरूआत किया और लगभग 600 सड़क एवं कामकाजी बच्चों तक वह शिक्षा मोबाइल वैन पहुंचाई

▪ बालकनामा अखबार के सदस्यों ने यह कहा कि जब अखबार के माध्यम से सड़क एवं कामकाजी बच्चों की स्थिति पर खबर छपी तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए आदेश दिया है भारत के सभी जिला अधिकारी (डीएम) को की अपने अपने जिले के सड़क एवं कामकाजी बच्चों की रोकथाम एवं उनकी उपस्थिति की जानकारी एकत्रित करें

▪ बालकनाम अखबार उत्तर प्रदेश के नोएडा लखनऊ आगरा मथुरा एवं दिल्ली के साउथ दिल्ली वेस्ट दिल्ली ईस्ट दिल्ली और नॉर्थ दिल्ली एवं गुरुग्राम इत्यादि जिलों के शहरों में बालकनाम अखबार के कॉपी सभी बच्चों को भेजी जाती है साथी प्रतिमा 8000 कॉपी प्रस्तुत की जाती है जिसमें 5000 हिंदी की और 3000 अंग्रेजी की कॉपी शामिल होती है सभी शहरों से सभी बच्चे जो सड़क पर अपना जीवन यापन करते या विषम परिस्थिति में रहते हैं वह सभी बच्चे अखबार से जुड़े हुए हैं और अपनी बात अखबार के माध्यम से सिविल सोसायटी और सरकार के समक्ष रखती है!

▪ चेतना संस्था के निर्देशक श्री संजय गुप्ता जी ने प्रेस वार्ता में सभी बच्चों को यह कहते हुए हौसला अफजाई किया कि यह कार्य बहुत ही सराहनीय हैं एवं कामकाजी बच्चों द्वारा ही बालकनाम अखबार छापी जाती है साथी ही इस बार की अंक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 100 अंक प्रकाशित हो रहा है और तमाम सड़क एवं कामकाजी बच्चों की समस्याओं पर उनकी अच्छी खबरें उनकी पॉजिटिव सोच और साथ ही जो बच्चे कामयाबी हासिल किए जैसे स्कूल में गए और दूसरे बच्चों को आगे बढ़ाया उन कठिन परिस्थितियों में से उनको भी मोटिवेट किया हौसला दिया और आज बालकनामा अखबार की पूरे विश्व में चर्चा होती है लगभग 1000 अखबारों ने और न्यूज़ चैनलों ने कवरेज किया पूरे विश्व में साथ ही राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय देश की प्रमुख अखबारों ने भी अपनी अखबार में बालकनाम की खबरों की प्राथमिकता और समाज में एक पॉजिटिव सोच विकसित करने में मदद की!

100 अंक प्रकाशित होने पर सभी बालकनामा के पूर्व सदस्य जैसे रवी. सौरभ.शंभू .विजय. ज्योति सुभाष. इत्यादि सदस्यों ने सभी सड़कों कामकाजी बच्चों को शुभकामनाएं दी और मजबूती से अपने आवाज उठाने के लिए और आगे बढ़ने के लिए हौसला अफजाई किया!