जन प्रतिनिधियों और सामुदायिक सहभागिता से फाइलेरिया का उन्मूलन सुनिश्चित होगाः डॉ. वीरेंद्र कुमार
केन्द्रीय मंत्री ने फाइलेरिया रोधी दवाएं स्वयं खाकर जिले में सामूहिक दवा सेवन (एम.डी.ए) कार्यक्रम का किया शुभारम्भ
टीकमगढ़।केन्द्रीय मंत्री सामजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार तथा लोकसभा क्षेत्र टीकमगढ़ के सांसद डॉ. वीरेंद्र कुमार ने आज स्थानीय उत्सव भवन में फाइलेरिया रोग के सम्पूर्ण उन्मूलन हेतु राष्ट्रीय वाहक जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में 21 फरवरी से 28 फरवरी तक होने वाले सामूहिक दवा सेवन (एम.डी.ए) कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय मंत्री डॉ कुमार, जनप्रतिनिधि, उपस्थित अधिकारीगण तथा अन्य लोगों ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये केन्द्रीय मंत्री डॉ. कुमार ने कहा कि फाइलेरिया रोग के उन्मूलन के लिए जनप्रतिनिधियों और सामुदायिक सहभागिता अत्यंत आवश्यक है, हम सब लोगों को इस दायित्य को समझते हुए सामूहिक रूप से फाइलेरिया जैसे गंभीर रोग से लड़ना होगा और इसे पूरी तरह समाप्त करना होगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय से समन्वय बनाकर फाइलेरिया रोग के उन्मूलन को और अधिक गति देंगे, साथ ही गंभीर फाइलेरिया रोगियों को सम्मानजनक जीवन व्यतीत करने के लिए योजना भी विकसित करेंगे।
कलेक्टर श्री सुभाष कुमार द्विवेदी ने कहा कि शासन स्तर पर जिले से लेकर ब्लॉक तक लेकर सारी तैयारियां की जा चुकी हैं और हम सबका पूरा प्रयास है कि इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन में कोई कमी नहीं रह जाये। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों की प्रतिबद्धता और प्रेरणा से हमारी पूरी टीम उत्साह से भरी है और हमें आशा है कि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम बहुत सफल होगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में इस बात का ध्यान रखा जाये कि फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने ही करना है और ये दवाएं एक साथ खानी हैं।
मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी टीकमगढ़ एवं निवाड़ी डॉ. पी.के.माहौर ने बताया कि एम.डी.ए. कार्यक्रम के दौरान कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए सभी सुरक्षा सावधानियों (स्वच्छता, मास्क और शारीरिक दूरी) को अपनाने के महत्व को ध्यान में रखा जायेगा, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि इस अभियान में सभी पात्र लाभार्थी, फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने ही करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में फाइलेरिया से मुक्ति के लिए 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अतिगंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर सभी लोगों को उम्र के अनुसार डी.ई.सी. और अल्बंडाज़ोल की निर्धारित खुराक प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर, अपने सामने मुफ़्त खिलाई जाएगी। इन दवायें का सेवन खाली पेट नहीं करना है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य एनटीडी समन्वयक डॉ. देवेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि फाइलेरिया या हाथीपांव रोग, सार्वजनिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है। यह रोग मच्छर के काटने से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार फाइलेरिया, दुनिया भर में दीर्घकालिक दिव्यांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। आमतौर पर किसी भी आयु वर्ग में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इससे बचाव न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है। फाइलेरिया के कारण चिरकालिक रोग जैसे; हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फोएडेमा(अंगों की सूजन) व काइलुरिया (दूधिया सफेद पेशाब) से ग्रसित लोगों को अक्सर सामाजिक बोझ बनना पड़ता है, जिससे उनकी आजीविका एवं काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में एल्बेंडाजोल भी खिलाई जाती है जो बच्चों में होने वाली कृमि रोग का भी उपचार करता है जो सीधे तौर पर बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास में सहायक होता है। उन्होंने यह भी बताया की इन दवाओ का सेवन खाली पेट नहीं करना है।
जिला मलेरिया अधिकारी हरि मोहन रावत द्वारा कहा गया कि कोरोना की चुनौती के दौरान, सावधानियां रखते हुए दवाईयां खिलाने के लिए कटोरी विधि का प्रयोग किया जायेगा। यह कार्यक्रम 21 फरवरी से प्रारंभ होकरे 10 कार्य दिवसों तक चलाया जायेगा, जिसके अंतर्गत 7 कार्य दिवस दिवस तक घर-घर भ्रमण और शेष 3 कार्य दिवस तक छूटे लाभार्थियों को कोरोना के आदर्श मानकों के अनुरूप स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने फाइलेरिया रोधी खिलाई जायेगी।
कार्यक्रम में राज्य स्तर के वेक्टर बोर्न डीजीज़ेज़ कण्ट्रोल प्रोग्राम के अधिकारियों डॉ. सत्येन्द्र पाण्डेय और सी.एस. शर्मा ने कहा कि राज्य स्तर से जिला स्तर तक समन्वय बनाकर रणनीति के तहत कार्य किया जा रहा है। हम सब कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र में जाकर एमडीए कार्यक्रम को और बेहतर बनाने के लिए सार्थक प्रयास कर रहें हैं।
राजनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए श्री अमित नुना ने कहा कि फाइलेरिया जैसे गंभीर रोग को समाप्त करने के लिए फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को जन जागरण का रूप देने की आश्यकता है। कार्यक्रम का संचालन ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज के दीपक मिश्रा द्वारा किया गया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, राज्य स्तर के स्वास्थ्य अधिकारी, एसडीएम टीकमगढ़ श्री सौरभ मिश्रा, जिले के प्रशासनिक एवं स्वास्थ्य अधिकारी, मीडिया सहयोगी, विश्व स्वास्थ्य संगठन, प्रोजेक्ट कन्सर्न इंटरनेशनल और ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
टीकमगढ़ से ndtv 18 राकेश सोनी की रिपोर्ट