आध्यात्मिक साधकों का प्रथम ऑनलाइन विचार गोष्ठी
स्पीकिंग ट्री के सह-साधकों से मिलना एक अद्भुत अनुभव: कृष्णा शर्मा (Krishan Sharma)
मुंबई: गत 17 अक्टूबर को स्पीकिंग ट्री सत्संग समूह द्वारा आॅन-लाइन विचार गोष्ठी का आयोजन, मुंबई की विचारक समाजसेवी शशि दीप के संयोजन में संपन्न हुआ। गौरतलब है कि इसमें उपस्थित सभी साधक लगभग एक दशक से लेखन के माध्यम से आत्मीयता से जुड़े हुए अपने विचारों का आदान-प्रदान करते रहे लेकिन इस सप्ताहांत एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया जब 17 साधकों ने देश के कोने-कोने से व विदेशों से उत्साहपूर्वक शिरकत करते हुए कार्यक्रम को बेहद सफल बनाया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ परंपरागत ढंग से शशि दीप द्वारा गणपति व सरस्वती मंत्रोपचारण से हुआ। इसके पश्चात ग्रुप की मुख्य संचालिका अल्का रोडे जो न्यूजीलैंड से जुड़ी थी के मधुर व सद्भावना से ओत-प्रोत सारगर्भित उद्बोधन से हुआ। उसके बाद समूह के सबसे वरिष्ठ सदस्य कृशन शर्मा जी, जो इस मीटिंग के मुख्य प्रवर्तक थे, ने अपनी हाल ही में प्रकाशित अंग्रेजी कृति “लाॅ ऑफ लाइफ, पॉवर ऑफ़ लॉ” के बारे में चर्चा की व कार्यक्रम के संयोजन से बेहद संतुष्ट व आनंदित हुए। कार्यक्रम में यू एस ए से जुड़ी वरिष्ठ विचारक नीता अग्रवाल जी ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि बुकिश नॉलेज एक पॉइंट पर हेल्प नहीं करता गूढ़ विचारों को आत्मसात करना ज़रूरी है। वरिष्ठ शिक्षाविद प्रोफेसर भारती आई जे ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए उनके द्वारा प्रकाशित 7 किताबों व कई अनुकरणीय कार्यों की जानकारी दी, जिसकी उपस्थित सदस्यों ने ह्रदय से सराहना की।
कार्यक्रम में शिरकत करने वाले प्रथम सदस्य अरुण सूद जी ने अपने आत्मीयता भरे शब्दों से माहौल को भावुक कर दिया। हरियाणा क्षेत्र से जुड़े विचारक विनम्रता के पर्याय राकेश पोपली जी ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें इस समूह के रूप में जीवन के लिए एक ट्रेसर मिल गया है। उड़ीसा से जुड़े वरिष्ठ साहित्यकार विचारक मानस दास जी ने कहा हमें प्रति पल को पूर्ण स्वीकारिता के साथ जीना चाहिए। उड़ीसा से ही जुड़े बेहद जिज्ञासु साधक कमलकांत दास जी व रबी दास जी ने सभी सह साधकों से पहली बार रूबरू होने में अत्यंत हर्ष व्यक्त किया। दक्षिण भारत के चेन्नई से पधारे एकमात्र साधक रमेश राजारमन जी ने अपने अंग्रेजी उद्बोधन में कहा “जिज्ञासा भरे प्रश्नों का उठना आध्यात्मिक उन्नयन के लिए बेहद ज़रूरी है।”
मुंबई से जुड़े वरिष्ठ विचारक, बहुचर्चित किताब डोंट टेक दिस लाइफ सीरियसली व अन्य 10 किताबों के लेखक किशोर कुलकर्णी जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की मीटिंग्स उनके लिए ज्यादा लाभदायक है जिन्हें लिखकर व्यक्त करने में दिक्कत होती है। वरिष्ठ वैज्ञानिक नवीन सिंघी (सौम्या सृजन) जी ने कहा आध्यात्मिक्ता व विज्ञान को पृथक नहीं किया जा सकता।” राजस्थान से जुड़े कवि विचारक तुलसी राम वर्मा जी ने पवित्र गीता को मुश्किल वक्त का सच्चा साथी बताया, वहीं उत्तर प्रदेश से जुड़े बेहद शर्मीले व भावुक परन्तु प्रखर लेखक, विचारक प्रभाकर सिंह जी ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा अंदर जो वेदना चल रही होती है वही एफोर्ट्लेस्स्ली काव्य के रूप में बह निकलती है, और फिर “जीवन बस बीता जाता है” कविता पाठ कर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। जम्मू से पधारे वरिष्ठ साधक नरिंदर कन्धारी जी ने अपने चंद प्रेम भरे शब्दों से सभी उपस्थित लोगों को अभिभूत कर दिया।
इस अविस्मरणीय अवसर पर कार्यक्रम के सफल संचालन व कुशल संयोजन के लिए, सभी बुद्धिजीवियों ने शशि दीप की ह्रदय से प्रसंशा की व अपने अनमोल आशीर्वाद रूपी प्रभु प्रसाद से अनुग्रहित किया।