विधायक मसूद द्वारा कोरोना महामारी की हाहाकार, पेट्रोल, डीज़ल, गैस, दाल, तेल तथा अन्य खाद्यान्न की बढ़ती महंगाई, ऑक्सीजन की कमी तथा दवाओं की किल्लत के ख़िलाफ़ कल 20 मई को अपने घरों पर काले झंडे लगाकर विरोध करने का आह्वान।

भोपाल, मई 19 । भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र से कॉंग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने लोगों का आह्वान किया है कि कोरोना महामारी के दौरान दवाओं की कालाबाजारी, ऑक्सीजन की कमी के कारण सैकड़ों लोगों की जान जाने तथा पैट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस, दाल, तेल तथा अन्य खाद्यान्नों की बढ़ती क़ीमतों के खिलाफ अपने अपने घरों पर काले झंडे लगा कर सरकार का विरोध करें । मसूद ने आज अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ मंत्रियों और उनके लोगों के द्वारा रेमडेसिवीर इंजेक्शन की बड़े पैमाने पर कालाबाज़ारी की गई।जिसके कारण कोरोना महामारी की मार झेल रहे लोगों से चार से पाँच गुना अधिक दाम वसूला गया।मसूद ने कहा कि आख़िर कोई बात तो है कि दवाओं की कालाबाजारी करने वाला हर व्यक्ति भाजपा का ही क्यों होता है। उन्होंने कहा कि उनकी संज्ञान में आया है कि अब फंगस की दवाओं की कालाबाजारी भी शुरू हो गई है। मसूद ने बढ़ती महंगाई पर रोक लगाया जाए तथा अस्पतालों में कोरोना एवं फ़ंगस के मरीज़ों का इलाज निशुल्क कराए जाने, कोरोना काल के दौरान बिजली बिल माफ करने, स्कूल, कॉलेजों की फीस माफ करने, बिगड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार लाने तथा इंजेक्शन की काला बाजारी पर रोक लगाने जैसी अहम माँगों पर सरकार से सकारात्मक कदम उठाने का आह्वान किया है। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि सरकार के ख़िलाफ़ अपने ग़ुस्से का इज़हार करने के लिए सांकेतिक तौर पर कल 20 मई को अपने अपने घरों पर काले झंडे लगा कर मध्य प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन करें। मसूद की अहम माँगों में से एक माँग यह भी है कि गरीब के साथ साथ सबसे अधिक परेशान मध्यम वर्ग के लोग हैं जिनके लिए आर्थिक पैकेज देने की मांग की है तथा यह पैसे सीधे उनके खाते में जमा कराने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं कोई नई माँग नहीं कर रहा हूँ बल्कि यह पैकेज विदेशों में लोगों को दिया जा रहा है। मसूद ने कहा कि सरकार के गलत कामों को उजागर करने तथा जनता तक पहुँचाने का काम विपक्ष तथा मीडिया का है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री दो-तीन घंटे अधिकारियों की मीटिंग करके भाषण देते हैं लेकिन इसका ज़मीन पर कोई असर नहीं होता है।मसूद ने मीडिया के द्वारा सवाल किया कि सरकार मरीज़ों को बेड मुहैया कराने में विफल रही वहीं दूसरी ओर भोपाल के तीन सरकारी अस्पतालों का उपयोग क्यों नहीं किया गया जिसमें जहांगीराबाद का रसूल अहमद पल्मोनरी अस्पताल तथा डीआईजी बंगला जैसे अस्पताल शामिल हैं। इन अस्पतालों के लगभग 250 डॉक्टर बैठे रहे।उन्होंने आश्चर्य जताया कि सरकार ने एक तरफ़ फ़िल्मों पर टैक्स कम किया और दवाओं पर 28 प्रतिशत टैक्स और जीएसटी वसूल किया, यह कहाँ का इंसाफ़ है।मसूद ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मोदी और शिवराज सरकार इस महामारी से निपटने में विफल रही है। पूरा देश कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से आर्थिक रूप से परेशान है वहीं सरकार आम जनता को रियायतें देने के बजाए महंगाई लगातार बढ़ा रही है रोजमर्रा के उपयोग में आने वाली जीवन वस्तु की तमाम चीज़े महंगी हो गईं हैं, अगर कुछ सस्ता है इस सरकार में तो वह इंसान की मौतों का सिलसिला हैं। आम लोगों को खाने का तेल जो पिछले लॉकडाउन में 85 रूपये लीटर मिलता था आज वह 160 रूपये प्रति लीटर बिक रहा है, वहीं दालों के भाव आसमान छू रहे ह। पेट्रोल 100 रूपये के पार हो गया एवं गैस सिलेण्डर 900 रुपये मे मिल रहा है। मसूद ने कहा कि कोरोना से पीड़ित मरीजों का प्राइवेट अस्पतालों में इलाज महंगा हो रहा है। पिछले कोरोना काल में कोविड-19 का उपचार निःशुल्क किया गया था इस बार क्यों नहीं ।सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को मरीजों के परिजनों को लूटने की छूट दे रखी है ।सरकार ने इस पर कोई भी गाइडलाइन तय नहीं किया है । उन्होंने माँग की कि सरकार सभी कोरोना मरीजों का इलाज निशुल्क कराए। महंगे इलाज के अभाव के कारण कईं मरीजों की मृत्यु हो रही है । जिन मरीज़ों का पूर्व में प्राइवेट अस्पतालों में इलाज किया गया है उनके इलाज की राशि सरकार परिजनों को वापस कराए इसके साथ सभी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड की मान्यता अनिवार्य की जाए।
एम एस हसन, वरिष्ठ पत्रकार
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