मध्यप्रदेश के इतिहास में RTI के तहत हर्जाने की अब तक कि सबसे बड़ी कार्यवाही
लोक शिक्षण विभाग को हर्ज़ाना अदा करने का कारण बताओ नोटिस जारी
1 लाख रुपए का हर्जाना अदा करने का कारण बताओ नोटिस जारी
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने नोटिस किया जारी
सहायक संचालक लोक शिक्षण विभाग रीवा को भी ₹25000 जुर्माने का कारण बताओ नोटिस जारी
निजी विद्यालय की अधिमान्यता के संबंध में जानकारी मांगने का मामला
डॉ. अंजना सिंह ने लगाई थी आरटीआई
8 मार्च 2021 महिला दिवस पर होगी अगली सुनवाई
लोक शिक्षण विभाग की कमिश्नर को भी कार्यवाही के लिए भेजा नोटिस
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने लोक शिक्षण विभाग को RTI अपीलकर्ता डॉ. अंजना सिंह को 1 लाख रुपए का हर्ज़ाना अदा करने का कारण बताओ नोटिस जारी किया है। राज्य के इतिहास में ये RTI के तहत हर्जाने की अब तक कि ये सबसे बड़ी राशि है। साथ ही इस मामले में लापरवाही बरतने पर सूचना आयुक्त सिंह ने सहायक संचालक लोक शिक्षण विभाग रीवा एनडी द्विवेदी को ₹25000 जुर्माने का कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
इस मामले में आरटीआई अपीलकर्ता डॉ. अंजना सिंह शासकीय पीजी गर्ल्स कॉलेज में गणित विभाग की प्रमुख है। उन्होंने 14/02/2019 को नर्बदा मेमोरियल पब्लिक स्कूल की अधिमान्यता के संबंध में जानकारी मांगी थी। दरसल स्कूल की ज़मीन और भूमि डॉ. अंजना सिंह के नाम पर है। लेकिन अवैध रूप से ज़मीन उनके ही एक रिश्तेदार द्वारा एक निजी स्कूल को किराए पर दी गई है। प्रतिमाह इस स्कूल का करीब 1.42 लाख रुपये किराया आता है। डॉ अंजना सिंह ने आयोग में दिए आवेदन में यह कहा है कि उनको अब तक जानकारी नहीं मिलने के कारण उनके हिस्से में आने वाले किराए की करीब ₹1690000 राशि का नुकसान हुआ है।
आरटीआई एक्ट की धारा 7 (1) के तहत लोक शिक्षण विभाग के अधिकारी को यह जानकारी 30 दिन में देनी थी। पर अधिकारी यह कहते हुए जानकारी देने से मना कर दिया कि स्कूल शासकीय नहीं है। जानकारी देना संभव नहीं है। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने अधिकारी की इस कार्रवाई को विधि विरुद्ध बताया। सिंह के अनुसार अगर जानकारी रीवा के विभाग में उपलब्ध नहीं थी तो आवेदन को धारा 6 (3) के तहत संबंधित विभाग में मात्र 5 दिन में अंतरित करना था। वो भी नहीं किया गया। आयुक्त सिंह के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग में स्पष्ट नियम है कि सभी स्कूलों की मान्यता से संबंधित जानकारी जैसे जमीन, बिल्डिंग, स्टाफ शासन स्तर पर उपलब्ध होने के बाद ही शासन द्वारा उक्त स्कूलों को मान्यता दी जाती है ऐसी स्थिति में विभाग के अधिकारी का यह जवाब की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है से स्पष्ट है कि अधिकारी जानबूझ जानकारी देना ही नहीं चाहते हैं। सूचना आयोग द्वारा लगाया गया हर्जाने की राशि RTI अपीलकर्ता को मिलती है और इसको विभाग द्वारा दिया जाता है। वही सूचना आयोग द्वारा लगाया गया जुर्माने की राशि व्यक्तिगत तौर पर अधिकारी से वसूल की जाती है।
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कारण बताओ नोटिस को लोक शिक्षण विभाग की कमिश्नर जयश्री कियावत को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेज दिया है
महिला RTI आवेदक के इस प्रकरण में 8 मार्च को अंतिम सुनवाई है। जोकि संयोगवश अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस भी है।