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भोपाल।आज सुबह अचानक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का काफला कलेक्टर ऑफिस परिसर से लगे लोक सेवा केंद्र पहुँच गया। पूर्व सूचना अनुसार व्यवस्था चाक चौबंद मिली।मुख्यमंत्री ने कुछ देर केंद्र की व्यवस्था देखी, कुछ आवेदकों से पूछताछ की और चल दिए। उनके साथ कलेक्टर अविनाश लवानिया ,नगर निगम आयुक्त और जिला प्रशासन का अमला था।
लोकसेवा केंद्र जो अपनी अव्यवस्थाओं और अनाधिकृत व्यक्तियों के जमावड़े के लिए हमेशा चर्चा का विषय है।लचर प्रबन्धन और भृष्टाचार का गढ़ बन चुका लोकसेवा केंद्र अपनी सेवाओं से अधिक अपनी नाकामियों के लिए जाना जाता है। लोकसेवा के नाम पर जनता की जेब पर डाका डालने वाले लोकसेवा केंद्र में आयुष्मान एवं आधार कार्ड की सेवाएं जोड़ी गई है।सम्भवतः मुख्यमंत्री का औचक निरीक्षण इन्ही सेवाओं की निगरानी के लिए किया गया होगा। मगर हकीकत यह है कि मुख्यमंत्री को असलियत से जानबूझकर अंजान रखने का यह सोचा समझा प्लान था,तभी प्रातः काल में ही मुख्यमंत्री को बुलाकर रवाना कर दिया ताकि दिन में होने वाली अव्यवस्थाओं से वह अवगत न हो सकें।
लोकसेवा केंद्र की अनियमितताओं एवं पूर्वव्रती कलेक्टर के आदेश की अवहेलना के सम्बन्ध में गत दिनों एक ज्ञापन कलेक्टर लावानिया को सौंपा गया था तथा अवगत कराया गया था कि लोकसेवा केंद्र सहित कलेक्टर ऑफिस में बढ़ रहे दलालों के जमावड़े पर अंकुश लगाया जाए जिसे उन्होंने अपर कलेक्टर दक्षिण को प्रेषित कर दिया और पूर्व की भांति वह फाइलों में दब गया।यही नियति है कलेक्टर ऑफिस की जिसे आज मुख्यमंत्री की आँखों से छिपाया गया है।