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प्रसंग वश – अशरफ अली
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मध्यप्रदेश में लव जिहाद कानून बनाने को लेकर राजनीतिक गलियारों में गर्माहट आ गई है इसको लेकर मध्य प्रदेश सरकार मंथन कर रही है विशेष तौर से प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा इसमें विशेष रूचि रखते हुए 10 साल की सजा का प्रावधान चाहते हैं वही उन्होंने सुनील दत्त और नरगिस के प्रेम को लेकर एक पक्षीय बात कही उनका कहना है सीता को रूबिया बनाने का षड्यंत्र नहीं करने दिया जाएगा उनके बयान के कारण लव जिहाद बनाम राजनीतिक दृष्टिकोण से एक समुदाय विशेष की तुष्टीकरण की बू आ रही है उनके खिलाफ वातावरण स्थापित कर राजनीतिक रोटियां सेकी जा रहे हैं यह कानून जोर जबरदस्ती जबरन प्रलोभन द्वारा धर्म बदलने की घटनाओं को रोकने का कानून बताया जा रहा है लेकिन “जबरन” जो शब्द है वह अपने आप में अपराध की ओर इंगित करता है चाहे जबरन कब्जा करना हो , जबरन धर्म परिवर्तन, जबरन भूमि हड़पना ,जबरन संभोग करना, जबरन दहेज मांगना , जबरन शादी करना यह सब अपराध की श्रेणी में आते हैं और उसको लेकर पहले से ही कानून बना हुआ है वही जबरन धर्म परिवर्तन ,प्रलोभन झूठ बोल कर शादी करना जिस पर कानूनी कार्यवाही का पहले से ही प्रावधान है लव जिहाद के नाम पर नया कानून बनाने के प्रयास को एक समुदाय और वर्ग राजनैतिक दृष्टिकोण से देख रहा है उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट शादी के लिए धर्म परिवर्तन करने को अवैध करार दे चुका है अब नए कानून में इन्हीं मुद्दों को कानूनी रूप देने और नया अमली जामा पहनाने की तैयारी की जा रही है वही रामेश्वर शर्मा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर लव जिहाद पर कैसे कानून बने उनसे राय ले रहे हैं क्या वह उत्तर प्रदेश के स्पीकर है ? एक सवाल यह भी उठता है कि मध्य प्रदेश के अंदर योग्य आईएएस आईपीएस उपलब्ध है जिनपर प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 5 से6 लाख रुपया खर्च सरकार करती है उनसे राय क्यों नहीं ली जा रही ? अगर ओर व्यवस्थित ढंग से और नया कानून बनाना ही चाहते हैं तो सभी समाज के धर्मगुरु को बुलाकर उन से भी मंथन क्यों नहीं किया जा रहा है ? लेकिन इनसे बगैर राय लिए कानून बनाकर उसमें नए प्रावधान करके इस बात से भी इनकार नही किया जा सकता है पुलिस प्रताड़ना और दुरुपयोग करेगी ? क्या उन्हें झूठे मुकदमों में नहीं फसाया जाएगा ? राजनैतिक लाभ उठाने और राजनीति में विरोधियों को इस कानून का दुरुपयोग कर , दायरे में लाकर जेल में ठूंस दिया जाएगा ? कई राज्यों में उपरोक्त “जबरन” कार्य करने को गंभीर अपराध की श्रेणी में माना गया है इन सब के बीच यह सवाल भी उठ रहा है क्या इस कानून के दुरुपयोग की गुंजाइश नहीं रहेगी ? सभी बालिगो को स्वतंत्रता का अधिकार कानून देता है तो वह कानून कहां जाएगा ? वही लव जिहाद वाले शब्द को लेकर भी एक समुदाय विशेष को आपत्ति है क्योंकि जिहाद हक की लड़ाई और संघर्ष करने को कहते हैं यह मीडिया और कुछ संगठनों द्वारा इजाद किया शब्द है इसलिए लव जिहाद शब्द को हटाकर अन्य शब्दों के नाम से कानून बनाया जाए जिससे विवाद की स्थिति भी निर्मित नहीं होगी और वर्ग विशेष की भावनाएं भी आहत नहीं होगी क्योंकि इस्लाम में नाजायज ताल्लुक को जिहाद नहीं कहा जा सकता और इस्लाम ऐसे कृत्य को हराम करार देता है , संभवत:अन्य धर्मों का भी यही सार है प्रेम धन दौलत पावर सूरत शक्ल देखकर नहीं होता यह एक एहसास है जो प्लानिंग से नहीं किया जा सकता यही कारण है इस प्रेम के चक्कर में कई हुकूमते खत्म हो गई हैं जबरन धर्म परिवर्तन बिल्कुल नहीं होना चाहिए वैसे मुस्लिम वर्ग दुनिया की आबादी का दूसरा हिस्सा है वही लड़कियों की तादाद बहुत है अन्य समुदाय की लड़कियों से शादी करने का क्या औचित्य है ? वही इस्लाम में तो चार शादियां करने तक की इजाजत है बशर्ते चारों बीवियों को बराबर मान सम्मान का दर्जा दिया जाए लेकिन रामेश्वर शर्मा से पूछता है भारत , पूछता है भोपाल , पूछता है समूचा मध्य प्रदेश?कि भारी तादाद में हिंदू धर्म के एक शादी के अलावा चुपचाप से अन्य शादियां भी कर रखी है या अवैध रूप से रख रखी है इन पर क्या कानून बनाएंगे रामेश्वर ? कई ब्यूरोक्रेट्स इस रासलीला में संलग्न है इस पर क्या कानून बनाएंगे रामेश्वर ? दूसरी शादी के बाद जो औलादे होती है उनको संपत्ति में वारिसान का दर्जा नहीं मिलता जबकि उन बच्चों की पैदा होने में क्या गलती है इस पर क्या कानून बनाएंगे रामेश्वर ? लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं अय्याशी कर रहे हैं इस पर क्या कानून बनाएंगे रामेश्वर ? जबरन धर्म परिवर्तन कराने का प्रतिशत मेरे हिसाब से तो 130 करोड़ की आबादी में एक परसेंट भी मामले पूरे साल भर में सामने नहीं आते हैं समूचे देश में फिर 10 साल की सजा का इतना बड़ा कानून क्यों बनाया जा रहा है पूछता है भारत ? लेकिन राजनीतिक दृष्टिकोण राजनीतिक लाभ के लिए शायद इस कानून बनाने को राजनेता जायज ठहरा रहे और अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए एकपक्षीय कानून (ऐसी लोगों की धारणा है ) बनाकर एक वर्ग विशेष को खुश करने का प्रयास किया जा रहा है, तभी तो रामेश्वर सुनील दत्त और नरगिस की शादी वाला बयान दे रहे है इन सब बातों को लेकर रामेश्वर को सोशल मीडिया पर बहुत घेरा जा रहा है और एक समुदाय विशेष को जकड़ने का प्रयास किया जा रहा है सोशल मीडिया पर कई मीम्स भी सामने आ रहे हैं इसमें लिखा जा रहा है अन्य धर्म के युवक कर तो ” लीला हम करे तो रासलीला और चुरकुट याई ” वही यह भी लिखा जा रहा है कि रामेश्वर के सगे भाई ने धर्म परिवर्तन कर लिया और भोपाल में रह रहे हैं इस कारण भी रामेश्वर वही खीज अन्य लोगों पर निकाल रहे है |
बरहाल जबरन धर्म परिवर्तन, जबरन शादी करना गलत है होना भी चाहिए अगर नया कानून बन रहा है तो स्वागत योग्य है , बनना चाहिए परंतु उसमें कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए तभी तो यह कानून कहलाएगा ?