भोपाल । मध्यप्रदेश में उपचुनाव की गहमागहमी पूरे शबाब पर है । जहाँ कॉंग्रेस छोड़ भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिये यह उप चुनाव उनकी प्रतिष्ठा का सवाल है वहीं दूसरी ओर कॉंग्रेस के लिये ज्योतिरादित्य सिंधिया ओर उनके साथ कॉंग्रेस को धोखा देकर भाजपा की गौद में बैठने वालों को सबक़ सिखाने का समय है । कल तक पानी पी पी कर शिवराज को कोसने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया आज शिवराज से गलबहियां करते नज़र आरहे हैं ।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के नाम पर जनता ओर गेर भाजपाइयों पर क़ानून लादने वाली शिवराज सरकार द्वारा ग्वालियर में जिस प्रकार ज्योतिरादित्य सिंधिया की 22-23अगस्त को सभाओ में भीड़ जुटाकर सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाई वह किसी से छिपी नही । यह ओर बात है कि कॉंग्रेस के निष्क्रिय रहते भाजपा नेता की ही याचिका पर हाई कोर्ट की ग्वालियर खंड पीठ ने उक्त आयोजन पर कलेक्टर्स पर चाबुक चलाया जो हर्ष का विषय रहा । मगर दूसरे शब्दों में कहें तो यह अपना वर्चस्व स्थापित करने पर आतुर सिंधिया के लिये अशुभ संकेत था ।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर खंडपीठ के उक्त आदेश से अभी उभरे भी नही थे कि उन पर एक ओर वज्रपात होगया जो आगामी उप चुनाव सहित उनके भावी भविष्य को प्रभावित करेगा ओर निसंदेह यह सिंधिया सहित भाजपा के लिये हानिकारक होगा । आने वाले समय में बीजेपी सांसद सिंधिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पूर्व मंत्री ओर लहार विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को नोटिस जारी किया है। साथ ही चुनाव आयोग से भी जवाब मांगा है। डॉ गोविंद सिंह का आरोप है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा नामांकन के दौरान उनपर दर्ज आपराधिक प्रकरण की जानकारी छिपाई है। इसी याचिका पर 27 अगस्त को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी किया है।
इस मामले में कांग्रेस का आरोप है कि 2018 में भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में कमलनााथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई थी। कॉंग्रेस में रहते ज्योतिरादित्य सिंधिया इस केस के बारे में सार्वजनिक रूप से स्वीकार भी किया था। लेकिन अब वह कांग्रेस में नहीं हैं और बीजेपी के सांसद हैं। गोविंद सिंह का आरोप है कि राज्य सभा चुनाव के समय ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस केस के बारे में जानकारी नहीं दी है। कॉंग्रेस ने उस समय भी आपत्ति प्रस्तुत की थी जिसे निर्वाचन अधिकारी द्वारा अमान्य किया गया था ।
कॉंग्रेस से बगावत कर भाजपा का दामन थामने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा चुनाव हेतू नामांकन दाखिल करते समय लाहेर से विधायक और पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने चुनावी हलफनामे में आपराधिक मुकदमे की जानकारी छिपाने का आरोप ज्योतिरादित्य सिंधिया पर लगाया है। साथ ही कोर्ट से निर्वाचन रद्द करने की मांग की है।
गोविंद सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस मामले में ज्योतिरादित्य सिंधिया से 4 सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है। कोर्ट ने इसके साथ ही चुनाव आयोग को भी नोटिस दिया है। ऐसे में अब ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
प्रदेश में कोरोना संकट के समय प्रपंच का सहारा लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ओर उनके 22 साथियों के विश्वास घात के बल पर कमलनाथ सरकार गिराकर लॉक डाउन का सहारा लेकर पीछे के दरवाजे़ से सत्ता को हथियाने वाले शिवराज के लिये भी यह समय कष्टदायक है निरंतर खराब होती छबि ओर सिंधिया के प्रति उमड़ता फ़र्जी स्नेह शीघ्र ही भाजपा के लिये अशुभ संकेत की ओर इशारा कर रहा है । ऐसे में सिंधिया की सिर द्र्दी कहीं सूतक साबित ना हो जाए ।
पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया की चुनावी सभा के द्वारा सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाने पर ग्वालियर खंडपीठ द्वारा क्लेक्टर्स को नोटिस देने के बाद अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा चुनाव में आपराधिक जानकारी हलफनामे में छिपाने के खिलाफ़ याचिका पर सिंधिया सहित चुनाव आयोग को नोटिस जारी होना शिवराज , भाजपा ओर खुद सिंधिया के लिये दुखदायी होने वाला है, ठीक उपचुनाव से पूर्व हाई कोर्ट के इस क़दम से सिंधिया सहित भाजपा आहत होगी । आने वाला समय ही सिंधिया की दशा और दिशा निर्धारित करेगा । उपचुनाव बाद शिवराज सरकार उखडती है या कॉंग्रेस का सूपड़ा होगा साफ !
@सैयद ख़ालिद कैस -8770806210