केंद्र सरकार के आरोग्य सेतु एप को सरकारी और निजी कंपनियों के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य करने के फैसले को केरल हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार का कर्मचारियों के लिए एप को अनिवार्य बनाना निजता और स्वायत्ता के अधिकार का उल्लंघन है।
त्रिशूर जिला कांग्रेस कमिटी के महासचिव जॉन डैनियल द्वारा याचिका में कहा गया है कि आरोग्य सेतु एप व्यक्ति की सहमति के बिना उसकी जानकारी एकत्र करता है।
अधिवक्ता श्रीराम परक्कत, केआर श्रीपति और अनुपमा सुब्रमण्यन के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि आरोग्य सेतु एप को अनिवार्य बनाए जाने से याचिकाकर्ता दुखी है। याचिकाकर्ता व्यक्तिगत स्वायत्तता की अवधारणाओं के कमजोर पड़ने से दुखी है।
सरकार ने 29 अप्रैल को इस एप को सभी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अनिवार्य बना दिया था। इसके बाद एक मई को सरकार ने एक और आदेश में आरोग्य सेतु एप को सभी निजी और सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य बनाए जाने की घोषणा की।
बता दें कि केंद्र सरकार ने दो अप्रैल को आरोग्य सेतु एप को लॉन्च किया था। सरकार इस एप के जरिए संक्रमित लोगों की लोकेशन को ट्रैक कर सकती है। साथ ही सरकार इस प्लेटफॉर्म के जरिए यह जान सकती है कि यूजर्स मरीजों के संपर्क में है या नहीं।
आरोग्य सेतु एप यूजर के स्मार्टफोन की लोकेशन को ट्रैक करता है। साथ ही यह एप ब्लूटूथ के जरिए यह पता लगाता है कि यूजर संक्रमित मरीजों के संपर्क में है या नहीं। साथ ही दोनों में कितनी दूरी है। इसके अलावा यह एप अपने यूजर को कोविड-19 से बचने की टिप्स देता है।