भोपाल। मध्यप्रदेश मे सत्ता मे आई कॉंग्रेस को एक वर्ष से अधिक का समय गुजर गया है । इस 1 वर्ष के कार्यकाल में कमलनाथ सरकार कांग्रेस से जुड़े हुए छोटे कार्यकर्ताओं, सदस्यों के लिए अब तक ऐसा कोई काम नहीं कर पाई किससे यह प्रतीत हो कि 15 वर्ष के वनवास के पश्चात कांग्रेसी कार्यकर्ताओं , निष्ठावान सदस्यों को कांग्रेस की ओर से उपकृत किया गया हो ।
2019 में भोपाल सहित संपूर्ण मध्यप्रदेश में शासकीय अधिवक्ताओं /अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्तियों का मामला देखा जाए तो उसमें भी भाई भतीजावाद या चाटुकारों या मंत्री , नेताओं के चेले चपाटो को उपकृत किया गया है । कई स्थानों पर तो यह भी देखने को आया है भाजपा समर्थक लोगों को शासकीय अधिवक्ता तक नियुक्त किया गया है। भरपूर विरोध होने के बावजूद कमलनाथ सरकार ने परिवर्तन नहीं किया। इसी प्रकार जनसंपर्क संचनालय द्वारा बनाई गई कमेटियों के अंदर भी ऐसे लोगों का चयन किया गया है जो पिछले 15 वर्षों तक लगातार कांग्रेस की कब्र खोदते रहे , जो संघ परिवार के प्रिय रहकर उनकी विचारधाराओं के प्रति समर्पित रहे। जनसंपर्क संचनालय द्वारा गठित कमेटियों में भारी तादाद में ऐसे लोगों को देखा जा सकता है। जिन्होने 15 वर्ष के कार्यकाल में भाजपा और शिवराज का गुणगान किया। तथा सत्ता से बेदखल होने के बाद उन भाजपा समर्थित लोगों को जनसंपर्क संचनालय द्वारा गठित कमेटियों में शामिल किया जाना कार्यकर्ताओं व कांग्रेस विचारधारा के पत्रकारों के साथ कुठाराघात से कम नही है ।
हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार की विधि विधायी विभाग ने एनजीटी में शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति की है । इन नियुक्तियों को यदि गौर से देखा जाए शासकीय अधिवक्ताओं के नामों में कांग्रेस के पुराने मठाधीश, सांसद के पुत्र के अलावा ऐसे लोगों के नाम दिखाई दे रहे हैं जिनका कांग्रेस या कांग्रेस की विचारधारा से कोई सरोकार पूर्व में दिखाई नहीं दिया। जिन्होने कभी कॉंग्रेस के प्रदर्शनों , कार्यक्रमो मे कोई भूमिका नही निभाई केवल नेता पुत्र होना ही उनके लिये सबसे बड़ा वरदान है और कमलनाथ सरकार ने उनको उपकृत कर दिया ।
कांग्रेस के पास अधिवक्ताओं की एक लंबी फौज है। परंतु वे सिर्फ जिंदाबाद मुर्दाबाद तक ही सीमित है। समय आने पर कांग्रेस से आशा रखने के बावजूद भी उन कांग्रेसी विचारधारा के अधिवक्ताओं को निराशा ही हाथ लगती है। यदि इसी प्रकार कमलनाथ सरकार कॉंग्रेस विचारधारा के कार्यकर्ताओं, अधिवक्ताओं , निष्ठावान लोगों को के प्रति उदासीन एवं पक्षपातपूर्ण व्यवहार करती रहेगी तो निश्चित ही प्रदेश में भी आने वाले समय में कॉंग्रेस की स्थिति दिल्ली से भी बदतर होगी।
भाजपा के 15 वर्षों के कार्यकाल में भाजपा ने भी जमकर भाई भतीजावाद किया , परंतु उसके निष्ठावान कार्यकर्ताओं की आस्था और आशा का ख्याल रखते हुए समय समय पर उनको उपकृत किया है । मगर जिस प्रकार कॉंग्रेस की कमलनाथ सरकार अपने कार्यकर्ताओं के प्रति उदासीन व्यवहार अपना रही है तो इससे साफ प्रतीत होता है कि कांग्रेस विशेषकर कमलनाथ सरकार निष्ठावान कार्यकर्ताओं को सिर्फ उपयोग की वस्तु मानती है । जो भीड़ की तरह बस जरूरत आने पर काम आए, कॉंग्रेस का झंडा लेकर तन मन धन से पार्टी के प्रति निष्ठा रखते हुए जिंदाबाद मुर्दाबाद करते रहें और अपने आप को ठगा मेहसूस करते रहें ।
ऐसी स्थिति मे निश्चित ही कर्मठ कांग्रेसी कमलनाथ सरकार से दूरियां बना लेंगे जो कांग्रेस के लिए आने वाले समय में भारी दुखदाई होगा।
मध्य प्रदेश कांग्रेसी विधि एवं मानव अधिकार विभाग के हजारों की संख्या में सदस्य है जो अधिवक्ता है , कांग्रेस के प्रति समर्पित है , परंतु कमलनाथ सरकार उन अधिवक्ताओं के लिए किसी प्रकार का ना सम्मान प्रदान कर रही है और न ही उनको उपकृत कर रही है। पिछले 1 वर्ष में नियुक्तियों में यही देखने में आया है कांग्रेस के विरोधियों या जिनका कांग्रेस से कोई सरोकार नहीं रहा, या जो भाजपा के समर्थित रहे कमलनाथ सरकार ने उनको उपकृत किया और कांग्रेस के प्रति समर्पित अधिवक्ताओं , कार्यकर्ताओं , कर्मठ साथियों के साथ लगातार तिरस्कार करना कमलनाथ सरकार के लिए दुखदाई होगा ।
भोपाल से सैयद खालिद कैस की रिपोर्ट