विजया पाठक
हमारे देश में एक कहावत बहुत चर्चित है कि यहां हर चीज बिकने को तैयार है बस कीमत सही लगना चाहिए। कुछ ऐसा ही अंदेशा प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रेप मामले को लेकर लगाया जा रहा है। क्योंकि इस जाल में फंसे सभी मोहरे अभी खुले में घूम रहे हैं। वह चाहे नेता हों या आला अफसर हों। हनीट्रेप कांड का मामला अभी भले ही शांत हो गया हो और एसआईटी से जांच की जा रही हो लेकिन हनीट्रेप के जाल में फंसे लोगों से खतरा कम नहीं हुआ है। खासकर जो उच्च अधिकारी इस जाल में फंसे हैं उनसे देश को खतरा है। हनीट्रेप की सीडी बाजार में भी हैं और पुलिस के पास भी हैं और जिन अधिकारियों की सीडी बनीं हैं वे भी अपने उच्च पदों पर आसीन हैं। यानि शासन ने इन अधिकारियों को न तो बर्खास्त किया है और न ही गिरफ्तार किया है। प्रदेश सरकार ने इस मामले में जुड़े एक अधिकारी का वीडियो वायरल हुआ है। उस अधिकारी को प्रदेश सरकार ने सिर्फ तबादला भर किया है। मतलब साफ है कि वह जब चाहे प्रमोशन या तबादला के चलते किसी भी विभाग में पहुंच सकता है।
अंदेशा ये भी जताया जा रहा है कि यदि इन अधिकारियों की सीडी अंडरवर्ल्ड के लोगों को मिल जाती हैं तो अंडरवर्ल्ड के लोग उक्त अधिकारी की करोड़ों रूपये देकर पोस्टिंग सुरक्षा से जुड़े विभागों में जैसे-रक्षा, पीएमओ में करवा सकते हैं। ये अधिकारी अड़ीबाजी में देश की खुफिया जानकारी लीक कर सकते हैं। यानि अंडरवर्ल्ड के लोगों से अधिकारी खुफिया जानकारी शेयर करने पर मजबूर हो सकते हैं। इसके साथ ही करोड़ों की सौदेबाजी कर इन उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों का तबादला देश के संवेदनशील विभागों में करवा सकते हैं। कुल मिलाकर हनीट्रेप में फंसे अधिकारियों को यदि तबादला करने तक की सजा दी गई है तो यह देश की सुरक्षा के साथ बहुत बड़ी खिलवाड़ है। जबकि ऐसा होना चाहिए जिन जिन लोगों की भी सीडी बनी हैं उन्हें सेवा से बर्खास्त कर देना चाहिए। जहां तक सीडी कांड में फंसे अधिकारियों की बात है तो हनीट्रेप का खुलासा होने और हसीनाओं के पकड़े जाने के बाद तो सरकार को उन अधिकारियों का भी पता चल गया होगा।