।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।
हालांकि राजस्थान की बाडमेर, पाली, राजसमंद, भीलवाड़ा, जालोर, चित्तौड़गढ़, कोटा, झालावाड़, करोली, बांसवाड़ा, उदयपुर व अजमेर नामक तेराह लोकसभा क्षेत्रों मे उम्मीदवारी के नामंकन भरने का कार्यक्रम 8-अप्रैल को पुरा हो चुका है। एवं 12-अप्रैल को नाम वापसी के बाद चुनाव अपने शवाब चढने की तरफ बढने लगेगा। इन तेराह लोकसभा क्षेत्रो मे कुल 172 उम्मीदवारो ने 260 नामांकन फार्म जमा करवायै है। बाकी बारह लोकसभा क्षेत्रो मे 10-अप्रैल से नामांकन फार्म भरने शूरु होने है।
राजस्थान की झालावाड़-बारां लोकसभा सीट से धोलपुर राजा व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पूत्र दूष्यंत सिह के भाजपा उम्मीदवार बनने, अलवर लोकसभा क्षेत्र से पूर्व केन्द्रीय मंत्री व अलवर राजपरिवार के राजा भंवर जितेन्द्र सिंह के कांग्रेस उम्मीदवार बनने, टोंक-सवाईमाधोपुर लोकसभा क्षेत्र से पूर्व केन्द्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा के कांग्रैस उम्मीदवार बनने, जोधपुर से मुख्यमंत्री गहलोत के पूत्र वैभव गहलोत के कांग्रेस उम्मीदवार बनने , बाडमेर-जैसलमेर से जसोल ठाकूर व पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिह के पूत्र मानवेंद्र सिंह के कांग्रेस उम्मीदवार बनने, बीकानेर से केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल के भाजपा उम्मीदवार बनने, जयपुर ग्रामीण से केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के भाजपा उम्मीदवार बनने, राजसमंद से जयपुर राजकुमारी दिया कुमारी के भाजपा उम्मीदवार बनने, नागोर से रालोपा नेता हनुमान बेनीवाल के चुनाव मेदान मे आने के अलावा सीकर से पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया के कांग्रेस उम्मीदवार बनने के बाद राजस्थान की उक्त सीटो के चुनाव पर लोगो की गहरी निगाहें टिकी हुई है।
राजस्थान के बीकानेर से केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल के लगातार दो दफा सांसद बनने के बाद अब फिर भाजपा उम्मीदवार की हेसियत से चुनाव मे आने के कांग्रेस के उनके सामने उनके मोसेरे भाई मदन मेघवाल को उम्मीदवार बनाने के बाद मुकाबला रोचक होने के साथ साथ अर्जुन से भाजपा मे अदावत रखने वाले पूर्व मंत्री व सात दफा के विधायक देवीसिंह भाटी ने अर्जुन की उम्मीदवारी के खिलाफ भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र देकर खूले आम अर्जुन को हराने का संकल्प लेकर विरोध मे पूरे क्षेत्र मे घूमने से चुनाव बडे दिलचस्प मोड़ पर आ पहुंचा है।
सीकर से पहले तीन दफा सांसद बनने वाले व केन्द्रीय मंत्री रहे सुभाष महरिया के कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर भाजपा के वर्तमान सांसद सुमेदानंद से मुकाबला होना है।दोनो दलो के उम्मीदवार घोषित होने के बाद से चुनावी प्रचार मे महरिया काफी आगे निकल कर क्षेत्र की पूरी कांग्रेस को एकजुट करके अपना पलड़ा भारी कर लिया है। जबकि भाजपा मे उम्मीदवार को लेकर पार्टी मे दरार साफ नजर आ रही है।
जयपुर ग्रामीण से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे ओलेम्पियन व केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह के सामने कांग्रेस ने ओलेम्पियन व राजगढ़ विधायक क्रष्णा पूनीया को उम्मीदवार बनाकर चुनाव को बराबर टक्कर वाला बना दिया है। इसी तरह अलवर से पूर्व केन्द्रीय मंत्री व कांग्रेस उम्मीदवार जितेन्द्र सिंह का मुकाबला पूर्व सांसद चांदनाथ के धार्मिक उत्तराधिकारी व भाजपा उम्मीदवार बालकनाथ से सीधा मुकाबला है। लेकिन बसपा उम्मीदवार इमरान खान जीतने मत काटेगे, उतना कांग्रेस उम्मीदवार को नूकसान उठाना पड़ेगा।
टोंक-सवाईमाधोपुर सीट पर पूर्व केन्द्रीय मत्री व मीणा समाज के दिग्गज लीडर नमोनारायण मीणा का भाजपा के वर्तमान सांसद सुखबीर जोनपुरिया से सीधा मुकाबला है। यहां मीणा व गूजर एक दफा फिर अपने अपने जाती के उम्मीदवार के पक्ष मे लामबंद होते नजर आ रहे है। बांरा-झालावाड़ मे पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र के लगातार तीन दफा सांसद बनने वाले बेटे दूष्यंत का मुकाबला हालही मे भाजपा छोड़ कांग्रेस मे आये प्रमोद शर्मा से है। जहा दूष्यंत के पक्ष मे एक तरफा माहोल व कांग्रेस उम्मीदवार कमजोर नजर आ रहे है। नागौर मे भाजपा व रालोपा गठबंधन के उम्मीदवार विधायक हनुमान बेनीवाल का मुकाबला कांग्रेस की तेज तर्रार उम्मीदवार ज्योति मिर्धा से होना है। नागोर मे कांटे का मुकाबला होना माना जा रहा है।
जोधपुर से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूत्र वैभव गहलोत का मुकाबला केंन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिह शेखावत से होना है। जहां वैभव की खुद की काबलियत के बजाय मुख्यमंत्री गहलोत के प्रभाव व छवि के बल पर चुनाव लड़ना पड़ रहा है। मुस्लिम-दलित व माली बहुलता वाली जोधपुर सीट पर वैभव गहलोत चुनाव जीत भी सकते है। इसी तरह बाडमेर मे दलित-राजपूत व मुस्लिम के बने गठजोड़ से कांग्रैस उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह भाजपा उम्मीदवार कैलाश चोधरी पर बढत बना सकते है। जबकि राजसमंद से जयपुर राजघराने की राजकुमारी दिया कुमारी का सीधा मुकाबला कांग्रैस जिलाध्यक्ष देवकीनंदन गूजर से होना है। यहां चुनाव कांटे की टक्कर वाला होना माना जा रहा है। फिर भी दिया कुमारी भारी पड़ती नजर आ रही है।
राजस्थान की तेराह लोकसभा क्षेत्रो मे नामांकन भरने का कार्य 8-अप्रेल को पुरा हो चुका है। एवं बाकी बाराह श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरु, सीकर, नागोर, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, टोंक-सवाईमाधोपुर, अलवर, दोसा व भरतपुर लोकसभा क्षेत्रो मे 10-अप्रैल से नामांकन भरना शूरु होना है। लेकिन भाजपा व कांग्रेस के उम्मीदवारो की घोषणा होने के अगले दिन से उम्मीदवारो ने चुनावी प्रचार करना शूरु कर दिया था। जिसके चलते चुनावी चर्चा सभी जगह चरम है। साथ ही उपरोक्त प्रमुख लोकसभा क्षेत्रो के चुनाव पर सबकी नजरे गढी हुई है।
दूसरी तरफ करीब पांच करोड़ मतदाताओं वाले राजस्थान की लोकसभा चुनाव परिणामों पर नजर डाले तो पाते है कि राज्य मे जिस दल की सरकार होती है तो परिणाम मे बहुमत उसी दल को मिलता रहा है। 1991 मे भाजपा को 12 व कांग्रैस को 13 सीट मीली। 1996 मे भाजपा को 12 व कांग्रैस को 12 व एक अन्य को सीट मिली। 1998 मे कांग्रैस सरकार आने पर भाजपा को 5 व कांग्रैस को 18 एवं दो सीट अन्य को मिली। लेकिन 1999 मे भाजपा को 16 व कांग्रेस को 9 सीट मिली। 2004 के लोकसभा चुनाव मे भाजपा सरकार आने पर भाजपा को 21 व कांग्रैस को 4 सीट मीली। 2009 मे कांग्रैस के सत्ता मे आने पर भाजपा को 4 व कांग्रैस को 20 सीट मीली। 2014 मे भाजपा के सरकार बनाने व मोदी लहर के चलते भाजपा ने सभी 25 सीटे जीतकर एक नया इतिहास लिखा था। अब 2019 के लोकसभा चुनाव के तहत पच्चीस सीटो मे से तेराह मे नामंकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। एवं बारह मे आज दस अप्रैल से नामंकन प्रक्रिया शूरु हो रही है। देखते है कि 29 अप्रैल व 6 मई को मतदान होने के बाद 23 मई को आने वाले परिणाम मे कांग्रैस व भाजपा मे से कोन कितनी बाजी मारता है।