भोपाल -जनसम्पर्क विभाग में अधिमान्यता कार्ड के नाम पर जो घालमेल चल रहा था,उस पर ए सी एस गोपाल रेड्डी ने “एयर-ब्रेक” लगा दिया है?
पूरे प्रदेश में उस समय सनसनी फैल गई थी, जब एक शराब माफिया के यहॉ छापे के दौरान उसके 21 कर्मचारियों के ‘अधिमान्य-पत्रकार’ के कार्ड जब्त हुये थे।
वैसे भी म.प्र. में अधिमान्य पत्रकारों की संख्या काफी है। जो वास्तव में पत्रकार हैं,या पत्रकारिता करते हैं, उन्हें नियमों की घूंटी पिलाकर मना कर दिया जाता है,किन्तु एन केन प्रकारेण,चहेते और आशीष प्राप्त पत्रकारों के कार्ड बिना प्रक्रिया कार्ड बन जाते हैं।
इस पर भी जनसम्पर्क विभाग के रिटायर्ड अधिकारियों को स्वतंत्र पत्रकार का अधिमान्यता कार्ड बनाकर उन्हें रेलवे पास,मेडिकल बीमा व अन्य सुविधाओं से लैस कर दिया जाता था।तथा जिन्हें उपकृत करना होता था,उन्हे स्वतंत्र पत्रकार का कार्ड बना कर उपकृत कर दिया जाता था।
किन्तु विभाग के ए सी एस गोपाल रेड्डी के एक मौखिक आदेश ने सभी स्वतंत्र पत्रकारों की अधिमान्यता खटाई में डाल दी।
सभी स्वतंत्र पत्रकारों के अधिमान्यता कार्ड बन गये थे,किन्तु रेड्डी जी के एक फरमान ने रिटायर्ड अधिकारियों सहित स्वतन्त्र पत्रकारों के अरमानों पर पानी फेर दिया है,अब सिर्फ उन स्वतंत्र पत्रकारों के कार्ड बनाये जायेंगे जो पिछले 10 वर्षों से स्वतंत्र अधिमान्य हैं,उन्हे “सम्मानित पत्रकार” का कार्ड बनाकर दिया जायेगा,जिसमें किसी प्रकार की सुविधा नहीं होगी।
ए सी एस का रूखा ब्यवहार जाहिर कर रहा है,कि कॉग्रेस की छवि में चार चॉद जरूर लगेंगे।