सैयद ख़ालिद कैस की विशेष रिपोर्ट
भोपाल । एक और जहाँ हजारों पात्र हितग्राहियों को ग़रीबी रेखा सर्वे सूची में नाम जुड़वाने के लिए ज़िला प्रशासन के नजूल ऑफिसों के हज़ारो चक्कर काटने के बाद भी निराशा हासिल होती हैँ , वहीं दलालों , भ्रष्ट अधिकारियों , कर्मचारियों की मिली भगत से हजारों अपात्र ग़रीबी रेखा राशन कार्ड बनवाकर लाभ प्राप्त कर रहे हैँ और घोटाला उजागर होने के एक वर्ष गुजर जाने के बाद भी ज़िला प्रशासन द्वारा फ़र्जी लोगों के ना तो राशन कार्ड वास्तविक रुप से निरस्त किये और ना उनके ख़िलाफ़ एफआईआर कराई गई ।
गौरतलब हो कि आरटीआई एक्टिविस्ट कौंसिल ऑफ इंडिया के भोपाल जिला शहर अध्यक्ष मोहम्मद याक़ूब खान ने आरटीआई आवेदन लगाकर वार्ड क्रमांक 05 में गरीबी रेखा सर्वे सूची में अपात्र लोगों के नाम उजागर किये । बैरागढ सर्किल एसडीएम के निर्देश पर तहसीलदार को जांच के निर्देश दिए । तहसीलदार ने राजस्व निरीक्षक से रिपोर्ट मांगी । मिली जानकारी के अनुसार प्रशासनिक अमले द्वारा गहन जांच के बाद पाया की 47 लोगों द्वारा पात्रता नही होने के बावजूद गरीबी रेखा का राशन कार्ड ही नही बनवाए वरन शासकीय योजनाओं का लाभ उठाया ।
मिली जानकारी और प्राप्त दस्तावेज़ के आधार पर तहसीलदार नजूल बैरागढ के आदेश क्रमांक 153/2017 दिनाँक 21/12/2017 को वार्ड 05 के 47 बीपीएल कार्ड धारकों (सूची उपलब्ध है ) की जांच करने के निर्देश राजस्व निरीक्षक प्रयाग सिंह , आलोक भद्र एवं प्रगणक कृष्ण कुमार मार्तण्ड को दिए थे , जिनकी रिपोर्ट एसडीएम को 18/06/2018 को इस आशय की प्रस्तुत की कि उन 47 लोगों के बीपीएल राशन कार्ड अपात्रता के आधार पर निरस्त किये जाएं । परंतु आज दिनाँक तक ना तो राशनकार्ड निरस्त हुए और ना उन लोगों के ख़िलाफ़ कानूनी कारवाई की गई ।
इस प्रकार ज़िला प्रशासन के अनियमतता के कारण फ़र्जी लोग बीपीएल सूची में दर्ज होकर लाभ ले रहे हैँ और पात्र हितग्राहियों को कलेक्टर ऑफिस के चक्कर नसीब होते हैँ ।