भोपाल -प्रदेश की 15वीं विधानसभा में सूबे की सभी 230 विधानसभा सीटों से डॉक्टर, इंजीनियर, वकील के साथ ही नाममात्र की शिक्षा ग्रहण करने वाले विधायक इस बार भी चुनकर पहुंचे हैं।
नामांकन पत्रों के साथ दी जाने वाली जानकारी को जब देखा गया तो पता चला कि कई विधायकों का शिक्षा से ज्यादा नाता नहीं रहा। ग्वालियर चंबल संभाग की 34 विधानसभा सीटों पर चुने गए विधायकों में से 16 तो ऐसे हैं, जिन्होंने पढ़ने के लिए कॉलेज की देहरी ही नहीं चढ़ी। अंचल के दो विधायक तो ऐेसे हैं जो सिर्फ अपने हस्ताक्षर कर पाते हैं।अंचल से एक विधायक 06वीं और तीन विधायक केवल 08वीं तक पढ़े हैं।
श्योपुर विधानसभा के कांग्रेसी विधायक बाबू जंडेल 7वीं पास हैं। विजयपुर के विधायक चुने गए भाजपा के सीताराम का तो पढ़ाई लिखाई से कोई वास्ता ही नहीं रहा। सीताराम आदिवासी सिर्फ *साक्षर* हैं और अपना नाम ही लिख पाते हैं। सीताराम आदिवासी की तरह गुना के भाजपा विधायक गोपीलाल जाटव भी सिर्फ अपने हस्ताक्षर कर पाते हैं।
इन दोनों के बाद सबसे कम शिक्षित विधायकों में गुनौर विधायक शिवदयाल बागरी 5वीं और बड़वानी विधायक प्रेमसिंह पटेल चौथी क्लास पास है। यह भी संयोग है कि अंचल के जो दो विधायक केवल साक्षर हैं वह भाजपा के और सबसे अधिक पढ़े-लिखे भी भाजपा से हैं। *दतिया विधायक डॉ. नरोत्तम मिश्रा व अटेर विधायक अरविंद सिंह भदौरिया पीएचडी डिग्री धारी* हैं।
यह 10 विधायक मिडिल स्कूल गए
श्योपुर विधायक बाबू जंडेल, जौरा के बनवारी लाल जापथाप, सुमावली के ऐदल सिंह कंषाना, चंदेरी के गोपाल सिंह चौहान, मुंगावली के बृजेन्द्र सिंह यादव, पवई के प्रहलाद लोधी, मंडला के देवसिंह सैयाम, गाडरवारा की सुनीता पटेल, नेपानगर की सुमित्रा देवी, पेटलावद की मेंदा वालसिंह ऐसे विधायक चुने गए हैं जिन्होंने कक्षा 6 से 8वीं तक की पढ़ाई की है।
10वीं के बाद 11 नेता आगे नहीं पढ़े
भांडेर विधायक रक्षा संतराम सिरोनिया, राजनगर के विक्रम सिंह नातीराजा, रायगांव जुगलकिशोर बागरी, सिंगरौली के रामलल्लू वैश्य, देवसर के सुभाषराम क्षारित्र, जयसिंहनगर के जयसिंह मरवाई, सिहोरा की नंदनी मरावी, अमरवाड़ा के कमलेश प्रताप शाह, घोड़ाडोंगरी के ब्रह्मा मालवीय, भैंसदेही से धर्मूसिंह सिरसाम, पिपरिया से ठाकुरदास नागवंशी, जोबट से कलावती भूरिया शामिल हैं।
22 विधायक हैं 12वीं पास
गोहद विधायक रनवीर जाटव, ग्वालियर ग्रामीण के भारत सिंह कुशवाह, ग्वालियर के प्रद्युम्न सिंह तोमर, डबरा की इमरती देवी, करैरा से जसवंत जाटव, पोहरी सुरेश धाकड़, कोलारस वीरेन्द्र रघुवंशी, दमोह के राहुल सिंह, मनगवां के पंछूलाल प्रजापति, चितरंगी के अमर सिंह, बड़वारा से विजय राघवेन्द्र सिंह, जबलपुर कैंट से अशोक ईश्वरदास रोहाणी, तेंदूखेड़ा से संजय शर्मा, सोसर से विजय रेवनाथ चौरे, *छिंदवाड़ा के दीपक सक्सेना*, गंजबासौदा से लीना संजय जैन, मंधाता से नारायण पटेल, सेंधवा से ग्यारसीलाल रावत, अलीराजपुर से मुकेश रावत, इंदौरा-1 से संजय शुक्ला और बड़नगर से मुरली मोरवाल 12वीं पास हैं।
सर्वाधिक 40 विधायक वकालत पास
सबलगढ़ के विधायक बैजनाथ कुशवाह, मुरैना के रघुराज सिंह कंषाना, मेहगांव के ओपीएस भदौरिया, अशोकनगर के जजपाल सिंह जज्जी, खुरई के भूपेन्द्र सिंह, देवरी के हर्ष यादव, रेहली के गोपाल भार्गव, महाराजपुर के नीरज दीक्षित, चांदला के राजेश कुमार प्रजापति, पन्ना के बृजेन्द्र प्रताप सिंह, अमरपाटन के रामखिलावन पटेल, देवतालाब के गिरीश गौतम, गुढ़ के नागेन्द्र सिंह, सीधी के केदारनाथ शुक्ल, सिहावल के कमलेश्वर इंद्रजीत कुमार, पुष्पराजगढ़ के फूंदेलाल सिंह मार्को, मुदवाड़ा के संदीप प्रसाद जयसवाल, जबलपुर ईस्ट के लखन घनघोरिया, जबलपुर नॉर्थ के विनय सक्सैना, सिवनी के दिनेश राय मुनमुन, गोटेगांव के नर्मदाप्रसाद प्रजापति, मुलताई के सुखदेव पांसे, हरदा के कमल पटेल, सिलवानी के रामपाल सिंह, बैरसिया के विष्णु खत्री, भोपाल उत्तर के आरिफ अकील, भोपाल मध्य के आरिफ मसूद, शुजालपुर के इन्द्रसिंह परमार, हाटपीपल्या के मनोज नारायण सिंह चौधरी, खातेगांव के आशीष गोविंद शर्मा, पानसेमल की चंद्रभागा किराड़े, सरदारपुर के प्रताप गिरेवाल, राउ के जीतू पटवारी, सावेर के तुलसीराम सिलावट, तराना के महेश परमार, अलौट के मनोज चावला, मंदसौर के यशपाल सिंह सिसौदिया, मलहारगढ़ के जगदीश देवड़ा, घरोंट के देवीलाल धाकड़ और नीमच के दिलीप सिंह परिहार एलएलबी पास हैं।
एमबीबीएस डॉक्टर भी हैं तीन विधायक
इस चुनाव समर में तीन एमबीबीएस डिग्रीधारी डॉक्टर भी तीन विधानसभा क्षेत्रों से चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं। एमडी मेडिसिन डॉ. योगेश पंडाग्रे, मंडला की निवास सीट से डॉ. अशोक मर्सकोले और मनावर सीट से डॉ. हीरालाल अलावा भी विधायक चुने गए हैं।