पिपरिया से गजेन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
पिपरिया – प्रदेश की टॉप सुमार में मंडी पिपरिया में धान की आवाक किसानों से नही लेने को 2500 में तैयार व्यापारी वर्ग और जब व्यापारी वर्ग से धान बिकती है 5000 रुपये से कम नही होती,इतना मार्जन किसान हमेशा छला जाता है किसानों की बनने वाली सरकार,व्यापारी को माध्यम रख खुद सरकार और व्यापारी को बेहतर के लिए कार्य करती है लेकिन किसानों की मूलभूत समस्या समस्या ही बनी रहती है,ओर हमेशा मंडी में किसान जब अपने उत्पादन को बेचता है व्यापारी वर्ग मनमानी करता है!और इस मनमानी के चलते मंडी सचिव और मंडी प्रबंध की कोई भूमिका नजर नही आती जिसको लेकर आज मंडी में सचिव और मंडी अध्यक्ष नदारत रहे |
मंडी व्यवस्था गड़बड़ा देख तहसीलदार और पुलिस प्रशासन ने मोर्चा संभाला |
कोई हल निकलता देख आनन फानन में मंडी सभाग्रह में व्यापारी और किसानो की मीटिंग जिसमे मंडी अध्यक्ष दिनेश पटेल आये |
छोटा किसान और मध्यम किसान बड़े व्यापारी किसानों की आड़ में स्वयं की आर्थिक स्थिति को बिगड़ता चला जा रहा है!
किसान सचिन ठाकुर ने बताया व्यापारियों द्वारा एक ही प्रकार की धान के अलग अलग समान ढ़ेर में रेट के अंतर को लेकर ओर बोली के मूल्य को लेकर परेशानियों के चलते किसानों ने व्यापारियो की अनियमितता मंडी सचिव और मंडी प्रबंध के सामने होता देख किया मंडी में किसानों ने अपने अधिकार के लिए हड़कंप मच गया |
जिन व्यापारियो द्वारा धान खरीदी जा रही है उसमे दावत,श्रीजी ,जय गिरिराज,सतपुड़ा, श्री राय द्वारा धान खरीदी जा रही है |