आम्बुआ :- ग्राम पंचायत अाम्बुआ के ढेचकुण्डी फलिया मे विशाल बरगद के पेड़ के नीचे आदिवासियों का आस्था का केंद्र भीलवट बाबा का मेला गुरुवार की रात को लगेगा ।
इस मेले की मान्यता इसलिए भी बढ़ जाती है कि आदिवासी समाज को किसी प्रकार की कोई समस्या या आबदा आती है । फसले खराब ना हो , जानवर आदि स्वस्थ्य रहे । ऐसी स्थिति में अपने इष्ट देव भीलट बाबा की मान लेते हैं जब मांग पूरी होती है तब आदिवासी समाज के लोग छोटी दिवाली के बाद आने वाली चौदस को अपने द्वारा ली गई मॉग पूरी करने के लिए अपने घर से बाबा के स्थल तक आते हैं ।उसके बाद यहां पर धधकते अंगारों पर चल कर बाबा की शरण में जाकर अपनी मांग पूरी करते हैं । मांग पूरी करने के लिए पशु बलि की परंपरा है। जिसमें बकरे एवं मुर्गों की बलि दी जाती है। यह परंपरा कई वर्षों से निरंतर चली आ रही है । यहां पर हजारों की तादात में आदिवासी समाज के लोग ढोल मांदल के साथ आते हो और रात भर नाच गाना चलता है साथी यहां पर खाने के विभिन्न प्रकार के व्यंजन आदि की दुकानें, कई प्रकार से रंग बिरंगी खिलौने एवं गुब्बारों की दुकान भी लगाई जाती है ।इस मेले को देखने के लिए अलीराजपुर के अलावा गुजरात के छोटा उदयपुर, दाहोद, म.प्र. के बड़वानी , झाबुआ ,इंदौर एवं भोपाल तक से लोग आते हैं और इस मेले का आनंद लेते हैं।

Ndtv18 लाइव न्यूज़ के लिऐ अलीराजपुर से बृजेश खंडेलवाल की रिपोर्ट