जोबट – झाबुआ जिले की जिला पंचातय अध्यक्ष कलावती भुरीया के विधायक बनने की जीद लगातार कांग्रेस पर भारी पडती नजर आ रही है तथा 2013 में इनकी इसी जीद के चलते झाबुआ विधानसभा से कांग्रेस को जीती बाजी में हार का सामना करना पडा था । उक्त चुनाव में इनके विधायक बनने की लालसा के चलते कलावती भूरीया कांग्रेस पार्टी से बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव में उतर गई थी जहॉ कांग्रेस के प्रत्याशी जेवियर मेडा को 15858 वोटो से करारी हार का सामना करना पडा जबकी निर्दलीय चुनाव लड रही कलावती भुरीया 18311 वोट लाई थी जो एक तरह से माने तो कांग्रेस का ही वोट बैंक था । उक्त 2013 चुनाव परीणाम को देखा जाये तो साफ तौर पर यह कहना गलत नही होगा की कांग्रेस के जेवियर मेडा की हार का मुख्य कारण कलावती भुरीया का निर्दलीय चुनाव लडना रहा है । कांग्रेस पार्टी को इतनी बडी नुकसानी के बाद भी इनका विधायक बनने की जीद अभी खत्म नही हुई और इस बार इन्होने अपने जिले झाबुआ के बजाय आलीराजपुर जिले की जोबट विधानसभा को टारगेट बनाया है । वैसे भी कांग्रेस के आलराउण्डर खिलाडी वर्तमान सांसद कांतीलाल भूरीया ने अपने परिवार व पुत्र मोह के चलते झाबुआ सीट से बडी दावेदार कलावती भूरीया को जोबट की और धकेल अपने पुत्र विक्रांत भूरीया को टिकट दिलाने की कुछ राह तो आसान कर ली है वैसे यह भी अनुमान लगाना गलत नही होगा की अगर किसी कारण झाबुआ से विक्रात भूरिया को टिकट नही मिलता है तो इस त्याग के बदले कांतीलाल भूरिया जोबट विधानसभा से कलावती के टिकट की मांग कर सकते है फीर परीणाम चाहे जो भी हो वे अपना स्वार्थ सिद्ध कर ही लेगे । लगभग 6 माह पुर्व झाबुआ-आलीराजपुर जिले की पांचो विधानसभा सीटो में जोबट विधानसभा की सीट उस समय की स्थिती को देखते हुए शत्प्रतिशत कांग्रेस की झोली में जाती दिखाई दे रही थी, जनचर्चा की माने तो उस समय भाजपा विधायक मौधोसिंह डावर व श्रीमती सुलोचना रावत के बीच सीधी टक्कर मानते हुए श्रीमती सुलोचना रावत का जीत का पक्की लग रही थी । लेकिन इन अन्तिम दो माह में झाबुआ जिला पंचायत कलावती भुरीया के झाबुआ छोड जोबट की और रूख करने के कारण यहा गुटबाजी चरम पर पहुच गई है जिसके चलते 6 माह पूर्व के समीकरण पुरी तरह पलटकर भाजपा के पक्ष में चले गये है । अब यह तय माना जा रहा है की अगर कांग्रेस कलावती भूरीया को टिकट देती है तो भाजपा की जीत लगभग तय हो जायेगी क्योकी भाजपा के पास बाहरी उम्मीदवार होने का मुख्य मुद्दा तो होगा ही साथ ही कलावती भुरीया के जोबट में स्थित खास समर्थको से नाराज नगर के युवा व भाजपा का कार्यकर्ता दोहरी ताकत से मैदान मे ंउतरकर भाजपा की जीत सुनिश्चित करेगा । वही दुसरी और श्रीमती सुलोचना रावत व विशाल रावत के क्षेत्र में मौजुद बडी संख्या में इनके समर्थक पुरी तरह निष्क्रीय हो जायेगा, जिसका खामीयाजा कांग्रेस को भुगतना पड सकता है । वैसे भी इन दिनो सोशल मिडिया पर जोबट विधानसभा से कांग्रेस से कलावती भुरीया के टिकट फायनल होने की चर्चा पर भाजपा समर्थको की चुटकी यह साफ दर्शाती है की कलावती भुरीया के टिकट फायनल होने से उनकी जीत की राह आसान हो जोयेगी । गोपनीय चर्चा में भी यह बात सामने आ रही है की भाजपा को उक्त चुनाव में कलावती भुरीया से ज्यादा सुलोचना रावत से डर है और कहा जा रहा है की भाजपा को कांटे की टक्कर अगर कोई दे सकता है तो वह सिर्फ सुलोचना रावत ही है अन्यथा कांग्रेस को यहा पुनः हार का सामना करना पडेगा । जनचर्चा तो यह भी है की उक्त जोबट विधानसभा का चुनाव जोबट नगर परिषद चुनाव की तरह होने वाला है जहा नगर परिषद के चुनाव के 2 माह पुर्व भाजपा की हार लगभग तय मानी जा रही थी टिकट वितरण के बाद कांग्रेस की हार में बदल गई ।

अलीराजपुर से बृजेश खंडेलवाल