एक पुरानी और देहाती कहावत है कि” घर के गेडे से ही आंख फूटती है ” उसी कहावत को चरित्रार्थ करती यह विशेष रिपोर्ट-

दिल्ली के स्वतंत्र खोजी पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी ने मुंबई प्रेस क्लब में एक प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने इसमें महाराष्ट्र स्टेट बीजेपी इकाई के पार्टी फण्ड में 95.91 करोड़ रुपये खुर्दबुर्द व घपला होने का सनसनीखेज खुलासा किया। महाराष्ट्र में वर्ष 2014 में सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हुए थे। इसकी अधिसूचना 20 सितम्बर 2014 को लागू हुई थी। मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट नतीजा आने तक 22 अक्टूबर 2014 तक लगा हुआ था। प्रत्येक राजनीतिक दल को चुनाव आयोग में उस मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट की अवधि के दौरान अपने आय-व्यय का ब्यौरा देना होता है।

बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई ने आय-व्याय की रिपोर्ट प्रॉपर ऑडिट करवा कर अपने राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और महासचिव भूपेंद्र यादव के हस्ताक्षरों के साथ चुनाव आयोग में पेश की। खोजी पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी काफी पहले से वित्तीय अनियमितताओं के मद्देनजर बीजेपी के आर्थिक क्रियाकलापों पर अपनी पैनी नजर गड़ाए बैठे थे। उन्होंने इस पूरी रिपोर्ट की जाँच के बाद कई सनसनीखेज व रोचक तथ्य पेश किए। इसके अनुसार वर्ष 2014 में पार्टी की महाराष्ट्र इकाई में 20 सितम्बर 2014 को कुल नगद व बैंक जमा मिला कर 24.10 करोड़ रूपये थे। उक्त चुनाव अवधि में उन्हें कुल नगद व बैंक जमा प्राप्तियां 209.35 करोड़ रूपये प्राप्त हुई।

इस तरह पार्टी के पास कुल जमा धन 233.45 करोड़ हुआ। इसमें से उक्त अवधि में पार्टी ने नगद व चैक से कुल 81.89 करोड़ रुपये खर्च किये हैं। अतः पार्टी के पास 233.45 करोड़ माइनस 81.89 करोड़ = 151.56 करोड़ रुपया पार्टी फण्ड में होना चाहिए था। लेकिन पार्टी के स्टेटमेंट में अंतिम शेष राशि क्लोजिंग बैलेंस सिर्फ 55.65 करोड़ ही बताया गया है। अब सवाल यह उठता है कि 95.91 करोड़ की राशि जो होनी चाहिए थी पार्टी फण्ड में, जबकि वो नहीं है, तो क्यों नहीं है! जाहिर है जिम्मेवारी पियूष गोयल और भूपेंद्र यादव के साथ साथ चार्टर्ड अकाउंटेंट की भी है। अब यह पैसा चोरी हो कर कहाँ गया। किसके निर्देशों पर गया। यह जवाब सिर्फ पियूष गोयल ही दे सकते हैं।

बकौल नवनीत चतुर्वेदी, यह मसला किसी पार्टी का अंदरूनी झगड़ा नहीं है। यह गंभीर चिंता का विषय है। जिस पार्टी के नेता अपनी पार्टी का कोष ही हजम कर जाते हों, वहां देश के सरकारी खजाने की क्या हालत हुई होगी। बीजेपी आज केंद्र समेत इक्कीस राज्यों में सत्ता में है। लगता है कि ‘न खाऊंगा न खाने दूंगा’ भी एक जुमला साबित हुआ। चौकीदार की खुद की पार्टी लुट रही है। देश की रक्षा वाकई राम भरोसे पर है।