श्रीनगर. सिक्युरिटी फोर्सेज ने कश्मीर में लगातार तीसरे दिन आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी। इस दौरान 14 आतंकी मारे गए। शनिवार सुबह कश्मीर के गुरेज सेक्टर में फायरिंग में एक आतंकी मारा गया। मौके से हथियार बरामद हुए हैं। इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है। उधर, लाल चौक में भी एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) और सिक्युरिटी फोर्सेज ने सर्च ऑपरेशन छेड़ रखा है। शुक्रवार को उड़ी सेक्टर में 6 और गुरुवार को नौगाम में 7 आतंकी मारे गए थे। इस साल अब तक 25 बार घुसपैठ की कोशिश…
– आर्मी के मुताबिक, इस साल एलओसी पर 25 बार घुसपैठ की कोशिश की गई। इस दौरान कुल 44 हथियारबंद घुसपैठिए मारे गए।
– नौगाम में गुरुवार को चले एनकाउंटर में 7 आतंकी मार गए थे। एक जवान शहीद हुआ था, जबकि 2 जख्मी हुए थे।
– सिक्युरिटी फोर्सेज ने पिछले कुछ दिनों से कुपवाड़ा, नौगाम, माछिल और बारामुला के घने जंगलों में सर्च ऑपरेशन रुक-रुक कर जारी रखा है।
पहलगाम में सर्च ऑपरेशन, अमरनाथ यात्रा यहीं से शुरू होनी है
– 8 जून को सिक्युरिटी फोर्सेस ने पहलगाम में कॉर्डन (घेराव) और सर्च ऑपरेशन चलाया था। बता दें कि 29 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू होनी है, जिसका बेस कैम्प पहलगाम में ही होता है। एक अन्य बेस कैम्प गांदरबल जिले के बालटाल में होता है।
– एक पुलिस अफसर के मुताबिक, पहलगाम के शेख मोहल्ला वूलरहामा में आतंकियों की मौजूदगी के मद्देनजर सर्चिंग की गई। फोर्सेज ने वॉर्निंग देकर फायरिंग भी की, लेकिन आतंकियों की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया।
7 जून को 4 आतंकी मारे गए थे
– 6-7 जून की दरमियानी रात आर्मी जवानों को माछिल सेक्टर में आतंकियों की घुसपैठ का शक हुआ। जिसके बाद ऑपरेशन शुरू किया गया और 7 जून को 4 आतंकी को मार गिराया गया। इस इलाके में घना जंगल है और आतंकी इसी का फायदा उठाकर घुसपैठ करते हैं। इससे पहले, 26 मई को इसी सेक्टर में दो और फिर अगले दिन 6 आतंकी मार गए थे।
पिछले साल माछिल में हुई थी शहीद के शव के साथ बर्बरता
– पिछले साल नवंबर में माछिल सेक्टर में हमारे तीन जवान शहीद हुए थे। एक शहीद का शव क्षत-विक्षत हालत में मिला था।
– 28 अक्टूबर को एक जवान मनदीप सिंह के शव का भी पाकिस्तान की सेना ने अपमान किया था। पाकिस्तानी आर्मी के कवर फायर का फायदा उठाते हुए आतंकी LoC के रास्ते घुसे और एक जवान की जान ले ली थी। उसके बाद जवान के शव को क्षत-विक्षत कर दिया। ये घटना भी माछिल सेक्टर में ही हुई थी।
– 2013 में दो जवान लांसनायक हेमराज और सुधाकर सिंह के शवों को भी पाक सैनिकों ने क्षत-विक्षत कर दिया था।
– 1999 की करगिल जंग के दौरान कैप्टन सौरभ कालिया को पाकिस्तान की सेना ने प्रताड़ित किया था और बाद में उनके शव के साथ भी बर्बरता की गई।
– जून 2008 में गोरखा राइफल्स के एक जवान को पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम ने केल सेक्टर में पकड़ लिया था। कुछ दिन बाद उसका सिर कलम कर शव दिया गया था। आर्मी ने इसके बाद जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 6 सैनिक मार गिराए थे।
भारत की कार्रवाई से घबराया पाकिस्तान
– मई 2017 में पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान आर्मी की बॉर्डर एक्शन टीम ने हमारे दो शहीदों के शवों के साथ बर्बरता की थी। इसके बाद सेना ने पाकिस्तान की कई पोस्ट्स तबाह कर दी थीं।
– भारतीय सेना का जवाब इतना करारा था कि पिछले दिनों पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हमारे डीजीएमओ को फोन कर बॉर्डर पर अमन बहाली की अपील की थी। लेकिन भारत के डीजीएमओ जनरल भट्ट ने अपने काउंटर से साफ कह दिया था कि जब तक बॉर्डर पर फायरिंग और घुसपैठ की साजिशें जारी रहेंगी, भारतीय सेना उनका माकूल जवाब देना भी जारी रखेगी।